नील हरित शैवाल के लिए छाया से दूर किसी भी खुले स्थान पर, जहां पानी का स्रोत नज़दीक हो
गड्ढे से निकाली गयी मिट्टी को गड्ढे के चारों ओर पाल पर जमाकर रख दें, ताकि गड्ढे की गहराई और बढ़ जाए
गड्ढे में लगातार 2-3 दिनों तक पानी भरते रहें, एक समय पर इसमें पानी के रिसने की रफ़्तार धीमी हो जाएगी
गड्ढे के आयतन के हिसाब से 100 ग्राम की दर से सुपर फॉस्फेट या रॉक फॉस्फेट का छिड़काव करें
अगर खेत काली मिट्टी वाला हो तो करीब 25 ग्राम प्रति वर्गमीटर की दर से चूना भी मिलाना चाहिए
फिर उक्त गड्ढों में 15 सेंटीमीटर तक पानी भर दें और इसमें 250 ग्राम नील हरित शैवाल का मातृ कल्चर छिड़क दें
बस, इतना ध्यान रखना है कि गड्ढा कभी सूखे नहीं, गढ्ढे में पानी की कमी हो तो उसमें सुबह या शाम पानी भरें
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