भारत में कपास एक अहम नक़दी फ़सल है,करीब 60 लाख किसानों को प्रत्यक्ष और क़रीब 7 करोड़ लोगों को परोक्ष  रोज़गार देती है

कपास की खेती में खरपतवार नियंत्रण हमेशा बहुत चुनौतीपूर्ण रहा है

नागपुर स्थित केन्द्रीय कपास अनुसन्धान संस्थान छोटे किसानों को एकीकृत खरपतवार प्रबन्धन का मशविरा देते हैं

Intercropping System और Mulching तकनीक उपयोगी और किफ़ायती साबित होती है

खरपतवारों की अधिकता से कीटों और रोगों को फैलने में भी मदद मिलती है

बैंगनी नटसेज,स्मूद जोयवीड,जंगली चावल,अलेक्जेंडर घास, छैफ फ्लावर खतपतवार हैं

परम्परागत तौर से निराई-गुड़ाई के ज़रिये खरपतवार का नियंत्रण रखा जाता है