एलीलोपैथिक गतिविधियों वाले पौधे कपास की फ़सल को प्रभावित करने वाले खरपतवारों को नियंत्रिक करते हैं

ये  प्रभावी नियंत्रण प्रदान करके हानिकारक संक्रमण को कम करते हैं

इनके अन्तःफ़सलीय इस्तेमाल से कपास के बीजों की गुणवत्ता बेहतर होती है

इसके साथ ही खेती की लागत घटती है और मुनाफ़ा बढ़ता है

अन्तःफ़सल का पलवार के रूप में उपयोग भी बेहद किफ़ायती साबित होता है

सनई और तिल की फ़सल से ख़ास किस्म के रसायन निकलते हैं जिससे कपास की फ़सल में उगने वाले खरपतवारों की बढ़वार कम होती है

कपास की दो पंक्तियों के बीच सनई व तिल को अन्तःफ़सल की तरह बोने से अच्छे रिज़ल्ट मिलते हैं