बायोलुमिनेसेंस (Bioluminescence) एक प्राकृतिक प्रक्रिया है,जो जुगनू, जेलिफ़िश और कुछ ख़ास फफूंद में पाई जाती है
इस प्रक्रिया में Luciferase नामक एंजाइम और Luciferin पदार्थ के बीच एक रासायनिक प्रतिक्रिया होती है, जिससे रोशनी निकलती है
वैज्ञानिकों ने इस क्षमता को जेनेटिक इंजीनियरिंग के ज़रिए पौधों में डालने का तरीका खोज निकाला है
जीन एडिटिंग-CRISPR-Cas9 जैसी तकनीकों से बायोलुमिनेसेंस पैदा करने वाले जीन को पौधों के डीएनए में डाला जाता है
सिंथेटिक बायोलॉजी-वैज्ञानिक पौधों में एक ऐसा बायोकेमिकल रास्ता बनाते हैं जिससे वे बिना किसी बाहरी सहायता के खुद-ब-खुद रोशनी पैदा कर सकें
ऊर्जा दक्षता-कृत्रिम लाइट की तुलना में बायोलुमिनेसेंस के लिए बेहद कम ऊर्जा की जरूरत होती है, ये पर्यावरण के लिए भी अनुकूल है
कस्टमाइज़ेशन-वैज्ञानिक रोशनी की तीव्रता, रंग और अवधि को नियंत्रित कर सकते हैं, ताकि खेत की जरूरतों के अनुसार ढाल सकें
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