ज़्यादातर किसान करी पत्ते की स्थानीय किस्मों को पसन्द करते हैं
कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय, धारवाड़ ने इसकी दो उन्नत किस्में भी विकसित की हैं
DWD-1 और DWD-2 नामक इन किस्मों में 5.22 और 4.09% करी पत्ते के तेल की मात्रा पायी जाती है
दोनों ही किस्मों की पत्तियां तेज़ सुगन्ध से भरपूर हैं
DWD-1 और DWD-2 किस्मों का बाज़ार में अच्छा दाम मिलता है
करी पत्ते का औषधियों और मसालों में उपयोग होता है
इसकी खेती में रासायनिक खाद के इस्तेमाल से बचना चाहिए
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