अरहर की खेती में ‘उकठा रोग’ मिट्टी में पनपने वाले फंगस ‘फ्यूजेरियम’ की देन है
इस कवक का संक्रमण पौधों की जड़ों से होता है, पूरे पौधे को कमज़ोर बनाकर सूखा देता है
फाइटोफ्थोरा भी मिट्टी में पनपने वाले फंगस ‘केजानी’ से पैदा बीमारी है जो सिर्फ़ अरहर में होती है
आल्टरनेरिया या झुलसा रोग भी अरहर की फसल को नुकसान पहुंचाने की क्षमता रखता है
इसमें अरहर के पौधे की पत्तियों में भूरे और काले रंग के छल्लेदार धब्बे दिखाई देते हैं
पर्ण चित्ती भी एक कवक जनित बीमारी है, जो अरहर के पौधों पर सरकोस्पोरा केजानी फफूंद से होता है
बांझ बीमारी से पीड़ित अरहर के पौधों में फूल नहीं खिलते और फलियां नहीं बनतीं
यहां पढ़ें पूरी स्टोरी