कड़कनाथ को स्थानीय बोली में ‘कालामासी’ भी कहते हैं
कड़कनाथ में ‘मिलेनिन पिग्मेंट’ की अधिकता होती है, जिससे पूरा शरीर काला होता है
इसकी तीन प्रमुख नस्लें हैं – जेट ब्लैक, पेंसिल्ड और गोल्डन,जेट ब्लैक की मांग सबसे अधिक है
अन्य नस्लों के मुक़ाबले कड़कनाथ को पालना आसान और कम खर्चीला है, क्योंकि इन्हें बीमारियाँ कम होती हैं
NABARD,PVCF के तहत कड़कनाथ मुर्गीपालकों को कर्ज़ और सब्सिडी का लाभ मिल सकता है
मध्य प्रदेश,छत्तीसगढ़ सरकार कड़कनाथ नस्ल संरक्षण के लिए ख़ास योजनाएं चलाती है
कड़कनाथ मुर्गीपालन के लिए बैंकों लोन भी मिलता है
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