भारत में बकरी पालन किफ़ायती और मुनाफ़े का काम है,चाहे 2-4 बकरियों  के घरेलू स्तर पर पाला जाए या  बड़े व्यावसायिक फॉर्म के तहत

बकरी पालन में शुरुआती निवेश बहुत कम होता है, उनकी देखरेख और चारे-पानी का खर्च भी काफी कम होता है

दुनिया में बकरी की कम से कम 103 नस्लें हैं।इनमें से 21 नस्लें भारत में पायी जाती हैं

देश में बरबरी, जमुनापारी, जखराना, बीटल, ब्लैक बंगाल, सिरोही, कच्छी, मारवारी, गद्दी, ओस्मानाबादी और सुरती पाली जाती है

2019 की पशु जनगणना के अनुसार, देश में करीब 14.9 करोड़ बकरियां हैं, कुल पशुधन में गाय-भैंस का बाद बकरियों और भेड़ों का ही स्थान है

बकरियां कई तरह की कांटेदार झाड़ियां, खरपतवार, फसलों के अवशेष खाती है जो मनुष्यों के लिए उपयोगी नहीं होते

गाय के दूध की तुलना में बकरी का दूध आसानी से पच जाता है। इसमें एंटी एलर्जी, एंटीफंगल और एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं