फेरोमोन ट्रैप नर सुंडियों को आकर्षित कर उनके प्रजनन चक्र को बाधित करता है, जिससे कपास के उत्पादन अच्छा होता है

भारत में कपास की औसत पैदावार 454.4 किग्रा/हेक्टेयर है, जो चीन और अमेरिका से काफी कम है

ट्रैप में कृत्रिम रबर का ल्यूर (सेप्टा) लगाया जाता है, जो नर सुंडियों को आकर्षित करता है, फंसे पतंगे ट्रैप में मर जाते हैं

ट्रैप को फसल से 1-1.5 फीट ऊंचाई पर लटकाया जाता है, फसल बढ़ने पर ट्रैप की ऊंचाई भी बढ़ाई जाती है

ट्रैप में फंसे पतंगों की संख्या से सुंडियों की सक्रियता का अंदाजा लगाया जा सकता है

ट्रैप की नियमित निगरानी करें, फंसे पतंगों की जानकारी रिकॉर्ड करें और उन्हें नष्ट करें

ल्यूर बदलने से पहले और बाद में हाथों की सफाई का ध्यान रखें, फेरोमोन ट्रैप एक प्रभावी और पर्यावरण के अनुकूल उपाय है