भारत में एशियाई और यूरोपीय दोनों तरह की गाजर की फसल होती है

किसान चैंटनी, नैनटिस, पूसा रुधिर, पूसा नयन ज्योति, पूसा जमदग्रि, पूसा मेघाली प्रजातियों की खेती करते हैं

चैंटनी किस्म बोने के 75 से 90 दिनों बाद फसल तैयार हो जाती है, इसमें करीब साढ़े सात बीघा में 150 क्विंटल तक पैदावार होती है

वहीं इतनी ही जमीन में नैनटिस किस्म की 200 क्विंटल गाजर पैदा हो जाती है

एक हेक्टेयर खेत में 6 से 14 लाख रुपए की फसल तैयार हो जाती है

गाजर की फसल तीन से चार महीने की है और इसमें बचत भी काफी अच्छी है