कुट्टू के बीज से आटा, तनों से सब्ज़ी, फूलों और पत्तियों से ग्लूकोसाइड, और फूलों से उच्च गुणवत्ता वाला शहद प्राप्त होता है

इसका उपयोग नूडल्स, सूप, चाय, और ग्लूटिन-फ्री बीयर उत्पादन में भी होता है

कुट्टू में पोषक तत्व धान, गेहूं, और मोटे अनाजों से अधिक होते हैं,कुट्टू का आटा गेहूं के मुकाबले महंगा बिकता है

व्रत-उपवास में कुट्टू के आटे से पूड़ियां, पकोड़े, और डोसा बनाया जाता है, इसे बिस्किट, नान खटाई, पेनकेक्स जैसे स्वादिष्ट व्यंजन बनते हैं

कुट्टू की खेती समुद्र तल से 1800 मीटर ऊंचाई वाले पहाड़ी क्षेत्रों और रबी मौसम में देर से सूखने वाली मिट्टी में बेहतर होती है

कुट्टू की खेती छत्तीसगढ़, विशेष रूप से सरगुजा और मेनपाट इलाकों में होती है

कुट्टू की बुआई का समय 15 सितंबर से 15 अक्टूबर तक है, इसे सभी प्रकार की मिट्टी में उगाया जा सकता है