जोंक ऐसे परजीवी हैं जो ज़्यादातर गर्मी और बरसात के महीनों में ही सक्रिय रहते हैं
अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मणिपुर और मिज़ोरम में जोंक संक्रमण मिथुन के लिए एक गम्भीर local disease है
नदियों-झरनों, झीलों-तालाबों, पानी से भरे धान के खेतों में जोंक पालतू पशुओं का ख़ून चूसने के लिए चिपट जाते हैं
अक्सर जोंक से फैलने वाले संक्रमण से पीड़ित को ‘हिरूडीनियासिस’ कहते हैं
जोंक की 600 से ज़्यादा प्रजातियों में से करीब 45 भारत में भी पायी जाती हैं
एंटीलीच पदार्थों के ज़रिये जोंक को पशुओं की त्वचा से हटाया जाता है
कीटनाशक स्प्रे, कोकीन की बूँदें, टॉपिकल लिडोकेन, सिरका,केरोसिन से जोंक निकाली जाती है
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