महोगनी की भारतीय किस्म नहीं है,अभी तक इसे पांच विदेशी कलमी के ज़रिये ही उगाया जाता है
इसे क्यूबन, मैक्सिकन, अफ्रीकन, न्यूज़ीलैंड और होन्डूरन किस्में कहते हैं
सभी किस्मों के पौधों को उपज और बीजों की गुणवत्ता के आधार पर तैयार किया जाता है
महोगनी के पौधों की उचित देखभाल के लिए किसान को मेहनत करनी पड़ती है
सरकारी रजिस्टर्ड कम्पनी या नर्सरी से दो-तीन साल पुराने और अच्छे ढंग से विकासित पौधों को ही ख़रीदें
अपने औषधीय गुणों की वजह से महोगनी के पेड़ों पर कोई रोग नहीं लगता
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