मोटे अनाज को वैकल्पिक अनाज भी कहा गया है
गेहूं-धान को छोड़कर बाक़ी अन्न मोटा अनाज है
बाजरा, मक्का, रागी, कोदों, जौ और ज्वार को मोटा अनाज कहते है
मक्का और जौ को छोड़कर ज़्यादातर मोटे अनाज बारिश पर निर्भर रहने वाली ख़रीफ़ की फ़सलें हैं
मोटे अनाज, पौष्टिकता से भरपूर होते हैं, इनमें जलवायु परिवर्तन को बर्दाश्त करने की ताकत होती है
खेती की प्रतिकूल परिस्थितियों में भी मोटे अनाज की पैदावार में गिरावट बहुत कम होती है
गेहूं और धान की पैदावार बढ़ने से भारतीय थालियों से इससे बने व्यंजन घटते चले गये
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