जलवायु परिवर्तन के असर से देश का किसान, फ़सल-चक्र, पैदावार और खाद्य सुरक्षा प्रभावित हो रही है

कृषि वैज्ञानिक सलाह लेते हैं कि इसके लिए किसान मोटे अनाज की खेती को अपनाएं

गेहूं-धान को छोड़कर बाक़ी अन्न को परम्परागत तौर पर मोटा अनाज  कहते हैं , जैसे बाजरा, मक्का,     रागी, कोदों, जौ और ज्वार  

इन फ़सलों में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को बर्दाश्त करने की उच्च क्षमता होती है

रागी में ये कैल्शियम,आयरन, प्रोटीन,रेशा वहीं बाजरे में प्रोटीन,वसा,कार्बोहाइड्रेट, खनिज लवण,आयरन,कैरोटिन होता है

ज्वार फाइबर या रेशों से भरपूर ज्वार दुनिया भर में उगाया जाने वाला 5वां सबसे महत्वपूर्ण अनाज है

मक्का में  विटामिन ‘ए’, फोलिक एसिड और कार्बोहाइड्रेट भरपूर होता है, ये दिल के मरीज़ों के लिए काफ़ी फ़ायदेमन्द है