केन्द्र सरकार ने 2015 में ‘परम्परागत कृषि विकास योजना’ (PKVY) को शुरू किया

इसका लक्ष्य मिट्टी की उपजाऊ शक्ति,जैविक खेती को ‘सहभागी गारंटी प्रणाली’ प्रदान करना है

‘परम्परागत कृषि विकास योजना’ के तहत क्लस्टर आधारित जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाता है

इसमें क्लस्टर के गठन,प्रशिक्षण,प्रमाणन,मार्केटिंग के लिए किसानों को आर्थिक सहायता मिलती है

किसानों को 3 साल तक 50 हज़ार रुपये प्रति हेक्टेयर की सहायता दी जाती है

इसमें 38% राशि या 19 हज़ार रुपये जैविक खेती के इनपुट लागत के एवज में होती है

इसके तहत किसान उत्पादक संगठनों के गठन को भी प्रोत्साहित किया जाता है