प्लास्टिक मल्चिंग तकनीक में खेत में बुआई के लिए क्यारियां बनाई जाती हैं

क्यारियों के उभरे हिस्सों को 25 से 30 माइक्रोन मोटाई वाली प्लास्टिक की शीट यानी पन्नी के ढक देते हैं

इस पन्नी में पौधों की रोपाई के लिए ज़रूरी दूरी पर तीन-चार इंच की गोलाई छोटे छेद कर मिट्टी में पौधे रोपे जाते हैं

प्लास्टिक मल्चिंग तकनीक सब्जियों और फलदार पौधे के लिए बेहद उपयोगी है

प्याज़,टमाटर,धनिया,आलू,गोबी जैसी सब्ज़ियों की लागत काफ़ी घट जाती है

इसकी वजह से एक बार सिंचाई के बाद खेतों में ज़्यादा वक़्त तक नमी बनी रहती है

गुड़ाई-निराई की श्रम की लागत कम आती है,ना ही खरपतवार-नाशक केमिकल की ज़रूरत होती है