तिल की खेती नगदी फ़सल की श्रेणी में आती है, किसान इसे सीधे बाज़ार में बेच सकते हैं

अमेठी  में किसानों को तिल की खेती के लिए ख़ासतौर पर प्रोत्साहित किया जा रहा है

इसकी खेती के लिए बीज का चयन,सिंचाई, कटाई प्रक्रियाएं सही समय और सही तरीके से करनी चाहिए

अमेठी में किसानों को दो प्रकार की सब्सिडी मिल रही है

10 वर्ष से कम गुणवत्ता वाले बीजों पर 20% से 30% तक और 10 वर्ष से अधिक वाले बीजों पर 40%-50% तक अनुदान

तिल की खेती में कमाई तभी होगी जब फ़सल को सही जगह और सही दाम पर बेचा जाए

इसके लिए किसानों के पास तीन मुख्य रास्ते होते हैं MSP, मंडी और निर्यात