जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर, श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ ज़िलों में सेवण घास ख़ूब पाई जाती है
सेवण घास में जड़ तंत्र का बढ़िया विकास होता है, इसीलिए इसमें सूखा को सहन करने की क्षमता होती है
शुष्क इलाकों में दुधारू पशुओं के लिए सूखे,हरे चारे की ज़रूरत को पूरा करती है
सेवण घास पशुओं के लिए बहुत पौष्टिक और सुपाच्य होती है
सेवण घास का चारा गाय के लिए सबसे अधिक पौष्टिक और उपयुक्त है
सेवण घास को पशुपालक किसान सूखा चारे की तरह भी इस्तेमाल कर सकते हैं
पश्चिमी राजस्थान में सेवण घास के सूखे चारा को ‘सेवण कुत्तर’ कहते हैं
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