Sexed Semen तकनीक की खोज़ 1980 के दशक में अमेरिका के कोलोराडो विश्वविद्यालय में हुई
ऐसी मशीनें है जो साढ़ या भैंसा के वीर्य से नर सन्तानें पैदा करने वाले वाई क्रोमोसोम को अलग करती हैं
इसका पेटेंट विश्वविद्यालय के पास ही है, लेकिन लाइसेंस लेकर टेक्सास की Sexing Technologies इसका कारोबार करती है
अमेरिका, यूरोप, कनाडा, मेक्सिको, चीन, जापान जैसे देशों में Sexed Semen का उत्पादन और प्रोडक्शन करती है
भारत में Sexed Semen का प्रचलन बेहद सीमित और मुख्य रूप से आयात पर निर्भर है
‘स्नातकोत्तर पशुचिकित्सा शिक्षा एवं अनुसन्धान संस्थान’ के मुताबिक Sexed Semen अब भारत में भी उपलब्ध है
भारत में ये तकनीक पश्चिम बंगाल सरकार की
गो सम्पदा विकास संस्था
के तहत Influx high speed cell sorter के उपयोग से की गई है
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