भारत में गन्ने की उत्पादकता 65-69 टन प्रति हेक्टेयर है, इसकी वजह कल्लों का अलग-अलग वक्त पर बनना,उचित वातावरण का अभाव है
इथ्रेल और जिबरैलिक एसिड जैसे पादप वृद्धि हार्मोन्स का उपयोग गन्ने की पैदावार में 2-3 गुना वृद्धि कर सकता है
गन्ने की बढ़वार में हार्मोन्स का छिड़काव,सूखी पत्तियों को गलाने जैसे उपाय से कल्लों की मृत्यु दर घटती है
इथ्रेल और जिबरैलिक एसिड के प्रभाव से गन्ने की पैदावार 255 टन प्रति हेक्टेयर तक बढ़ सकती है
IISR,लखनऊ के अनुसार, बसंत और शरदकालीन गन्ने में हार्मोन्स के यूज़ से 330 टन प्रति हेक्टेयर तक की पैदावार संभव हुई
कटाई के 60 दिनों बाद इथ्रेल व जिबरैलिक एसिड का छिड़काव से कल्लों की मृत्यु दर कम होती है
सूखी पत्तियों को पूसा कम्पोस्ट इनाकुलेंट से गलाने और स्मार्ट पत्ती आच्छादन तकनीक से उत्पादन क्षमता बढ़ सकती है
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