सूरजमुखी की अच्छी पैदावार के लिए सही वक़्त पर परपरागण होने का ख़ास महत्व है

आमतौर पर परपरागण का काम भौरों और मधुमक्खियों के माध्यम से होता है

लेकिन जिस इलाके में भौरों और मधुमक्खियों की कमी हो, वहां किसान खुद परपरागण क्रिया कर सकते हैं

किसानों को फूलों के अच्छे से खिलने पर हाथों में दस्ताने पहनकर फूल के मुंडक पर चारों ओर  घुमाना चाहिए

पहले फूल के किनारे वाले भाग पर फिर बीच के हिस्से पर कृत्रिम परपरागण करें

इस काम को सुबह 7:30 बजे तक कर लेना चाहिए

सूरजमुखी को खेती को ज़्यादा अपनाना किसानों के लिए बढ़िया मुनाफ़े का सौदा होता है