सरसों की जैविक खेती को दो फ़सली और मिश्रित खेती के रूप में अपना सकते हैं
जैविक और प्राकृतिक खेती से उपजाये खाद्य पदार्थों की मांग तेजी से बढ़ी है
प्राकृतिक रूप से भारत के बड़े भूभाग पर जैविक खेती ही होती है
सरसों के पौधे सूखे के प्रति सहिष्णु होते हैं,इसीलिए जैविक खेती कहीं भी हो सकती है
Bio mustard farming नमी भरी और शुष्क, दोनों तरह जलवायु में हो सकती है
लेकिन ज़्यादा तेल प्रोडक्शन के लिए ठंडा तापमान, मिट्टी में नमी ज़रूरी है
सही जल निकास वाली बलुई,दोमट मिट्टी में सरसों की फ़सल अच्छी होती है
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