भारतीय कृषि अर्थव्यवस्था में पशुधन और पशुपालन की हिस्सेदारी 28.63 प्रतिशत है
देश में क़रीब 11 करोड़ भैंसें हैं, जो विश्व में सबसे ज़्यादा हैं
बकरी और भेड़ों की तादाद में भी भारत विश्व में क्रमश: दूसरे तथा तीसरे स्थान पर है
IGFRI,झांसी के वैज्ञानिकों अनुमान है कि साल 2050 तक 18.4% हरे चारे की कमी हो जाएगी
दूध उत्पादन में संकर पशुओं के बढ़ते चलन से देसी नस्लों के पशु कम होते जा रहे हैं
लेकिन चारे की कमी से पशुधन की सेहत और उत्पादकता पर सबसे बुरा प्रभाव होता है
सरकारी आंकड़ों के अनुसार,देश में चारागाहों का कुल क्षेत्रफल 103.4 लाख हेक्टेयर है, जो कम हो रहा है
यहां पढ़ें पूरी स्टोरी