20वीं पशु गणना रिपोर्ट 2019 के अनुसार, देश में गौ-वंशीय पशुओं की सालाना दूध उत्पादकता का वैश्विक औसत 2,238 किलोग्राम है
वहीं भारतीय गौ-वंश की दूध पैदावार इसकी सिर्फ़ 68.7 प्रतिशत यानी 1,538 किलोग्राम सालाना ही है
पशुधन की औसत वैश्विक उत्पादकता की तुलना में भारत का 30 फ़ीसदी पीछे रहना चिंताजनक है
इसके लिए पशुधन के विभिन्न रोगों के प्रकोप को काफ़ी हद तक ज़िम्मेदार ठहराया जा सकता है
सूखा-बाढ़ जैसी आपदाओं के अलावा जलवायु परिवर्तन की वजह से पशुचारा उत्पादन में कमी आ रही है
दूध उत्पादन में संकर पशुओं के बढ़ते चलन की वजह से देसी नस्लों के पशुओं की संख्या भी लगातार कम हो रही है
देश के बड़े हिस्से में पशु चिकित्सकों और पशु चिकित्सालयों का सही नेटवर्क ना होना भी समस्या है
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