सरसों की पैदावार को घटाने में कीटों की बड़ी भूमिका होती है

कीटों और बीमारियों से रबी की तिलहनी फसलों को सालाना 15-20% तक नुकसान पहुंचाता है

बेमौसम की बारिश से बढ़ने वाली नमी से सरसों की फसल में लगने वाले कीट तेज़ी से फैलते हैं

चंपा या माहूं या अल कीट के वयस्क और शिशु, पौधों के अलग-2 हिस्सों से रस चूसकर नुकसान पहुंचाते हैं

इससे पौधों के विभिन्न भाग चिपचिपे हो जाते हैं। उन पर काला कवक पनप जाता है

इस कीट का प्रकोप दिसम्बर के अन्तिम सप्ताह से मार्च तक बना रहता है

इसकी रोकथाम के लिए फसल की बुआई सही समय पर करें तो कीट का प्रकोप कम होता है