मुर्गीपालन की अन्य नस्लों के मुक़ाबले कड़कनाथ को पालना आसान और कम खर्चीला है
इसका रखरखाव बॉयलर और देसी मुर्गी के मुक़ाबले आसान होता है, इसमें बीमारियां कम होती हैं
कड़कनाथ का मीट काफ़ी टेस्टी होता है। इसमें आयरन और प्रोटीन की प्रचुरता व कोलेस्ट्रॉल यानी फैट
बेहद कम होता है
मध्य प्रदेश के झाबुआ और धार ज़िलों
के अलावा छत्तीसगढ़ के इलाकों में कड़कनाथ नस्ल का दबदबा रहा है
कड़कनाथ को विशेष भौगोलिक पहचान यानी Geographical Indication (GI) टैग हासिल है
इसको ‘कालामासी’ भी कहते हैं, क्योंकि ‘मिलेनिन पिग्मेंट’ की अधिकता से मांस,चोंच,पंख,कलंगी, टांगे, ज़ुबान, नाख़ून, चमड़ी, हड्डी सभी काला होता है
कड़कनाथ नस्ल के मुर्गीपालन से कमाई काफ़ी ज़्यादा होती है। कड़कनाथ का दाम 900 से
1200 रुपये प्रति किलो होता है
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