मशरूम की खेती और प्रोसेसिंग बिज़नेस के लिए इसकी बारीकियां जानना बेहद ज़रूरी है

मशरूम उद्योग लगाने के लिए कई सरकारी और ग़ैर सरकारी संस्थान प्रशिक्षण देते हैं

भारत में सफ़ेद बटन,ऑयस्टर,दूधिया मशरूम,पैडी स्ट्रॉ मशरूम और शिटाके मशरूम खेती के लिए उपयुक्त माना जाता है

किसान अपने घरों में मशरूम की प्रोसेसिंग सीख कर निजी ज़रूरतों के साथ बाज़ार में भी बेच सकता है

कच्चे माल के रूप में खेतों से प्रोसेसिंग प्लांट में मशरूम की  धुलाई होती है

धुलाई के बाद मशरूम की ब्लांचिंग होती है। इसका मतलब है मशरूम को गर्म करना या उबालना

ब्लांचिंग के बाद मशरूम को ठंडे पानी के टब में रखते हैं। फिर शेकर (shaker) मशीनों में डालते हैं

प्रोसेसिंग प्लांट में मशरूम की ग्रेडिंग के बाद शॉर्टिंग या छंटाई का काम किया जाता है

मशरूम की पैकिंग छोटे-बड़े यूनिट्स में की जाती है

आख़िरी प्रोसेसिंग स्टेरिलाइजेशन (Sterilisation) है  इससे हानिकारक जीवाणु नष्ट हो जाते हैं