देश के बहुत बड़े सिंचित इलाके में फसलों की सिंचाई घटिया क्वालिटी वाले लवणीय या क्षारीय पानी से होती है
भारत के कुल सिंचित क्षेत्र का इलाका ज़्यादा होने के बावजूद खेतों की उत्पादकता काफ़ी कम है
मिट्टी की तरह पानी की भी रासायनिक जांच करवाने से
हमें उसमें मौजूद लवणों के
अनुपात का पता चलता है
लवणों की सान्द्रता: इसे पानी की विद्युत चालकता अथवा electric conductivity के रूप में मापा जाता है
अवशोषित सोडियम कार्बोनेट: इसे अवशोषित सोडियम कार्बोनेट के रूप में दर्शाते हैं
सोडियम अवशोषण अनुपात: ये पानी में मौजूद कैल्शियम व मैग्नीशियम की अपेक्षा सोडियम आयन के तुलनात्मक
से कितना ज़्यादा है, बताता है
लवणीय पानी से सिंचाई के बावजूद अच्छी पैदावार के लिए ऐसी फसलों का चुनाव भी ज़रूरी है जिनमें लवणीय सहनशील ज़्यादा होती है
लवणीय व क्षारीय पानी से प्रभावित खेतों में गोबर व कम्पोस्ट की खाद का इस्तेमाल बेहद ज़रूरी है,इससे लवणों के बह जाने की प्रक्रिया आसान होती है
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