देश में अरहर की खेती के लिए तीन तरीके प्रचलित हैं

ये तरीके हैं अगेती अरहर, मध्यम अवधि वाली अरहर और दीर्घकालिक अरहर

अरहर दालों का प्रचलन भी अलग-अलग इलाकों में ज़्यादा है

अगेती और मध्यम अवधि वाली अरहर मध्य और दक्षिण भारत में ज़्यादा प्रचलित है

मध्य और दक्षिण भारत में इसके साथ ज्वार, बाजरा, सोयाबीन, कपास, मूंगफली की सहसफली खेती होती है

इस श्रेणी की प्रजातियों की फसल 160 से लेकर 200 दिन में पककर तैयार होती है

दीर्घकालिक प्रजातियां पूर्वी और मध्य भारत में ज्वार,बाजरा,मक्का,उड़द,मूँग के साथ सहसफली खेती होती है