OKRA for Home Garden: घर पर ही आसानी से उगाएं ताज़ा भिंडी, बस कुछ बातों का ध्यान रखें
घर पर टेरेस गार्डन या गमले में भिंडी उगाना कोई मुश्किल काम नहीं है, बस इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना होता है। भिंडी गर्म मौसम में अच्छी तरह विकसित होती है।
घर पर टेरेस गार्डन या गमले में भिंडी उगाना कोई मुश्किल काम नहीं है, बस इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना होता है। भिंडी गर्म मौसम में अच्छी तरह विकसित होती है।
कई बार किसानों को फसल समाधान, उर्वरक प्रबंधन, कीट प्रबंधन, फसल का रखरखाव, मिट्टी की जांच, फसल रोग के बारे में जानकारी के अभाव में नुकसान झेलना पड़ता है। ऐसे में Krish-e App किसानों की इन परेशानियों को दूर करने में मददगार हो सकता है।
यदि सूझबूझ के साथ और वैज्ञानिक तरीके से सफ़ेद मूसली या सतावर की खेती की जाए तो ये फसल किसान को खुशहाल बना सकती है। बाज़ार में उम्दा मूसली का दाम 1000-1500 रु. प्रति किलोग्राम तक मिल सकता है। मझोले किस्म की फसल का दाम 700-800 रु. प्रति किलो और हल्की किस्म का दाम 200-300 रु. प्रति किलोग्राम तक मिलता है। सफ़ेद मूसली की उन्नत खेती पर प्रति एकड़ लागत करीब 5-6 लाख रुपये बैठती है और यदि उपज का दाम औसतन 1.2 लाख रुपये प्रति क्विंटल भी मिला और यदि प्रति एकड़ औसत उपज करीब 15 क्लिंटल भी रही तो उपज का दाम करीब 18 लाख रुपये बैठेगा। इसमें से लागत घटा दें तो किसान को प्रति एकड़ 10-12 लाख रुपये का शुद्ध मुनाफ़ा मिलेगा।
हर खेत में पर्याप्त सिंचाई हो, इसी उद्देश्य से 2015 में सरकार द्वारा PMKSY योजना की शुरुआत की गई। आइए, जानते हैं क्या है प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना और किसान कैसे इसका लाभ उठा सकते हैं।
गूगल सर्च में टॉप पर रहा एनोकी मशरूम (Enoki Mushroom) सामान्य मशरूम से थोड़ा अलग होता है। ये मशरुम सबसे ज़्यादा जापान में लोकप्रिय है और स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। इस लेख में हम आपको इन्हीं फ़ायदों के बारे में बताएंगे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तीनों कृषि कानून को वापस लेने के बाद अब किसान MSP गारंटी कानून बनाने की मांग कर रहे हैं। इसकी कई मुख्य वजहें हैं।
अभी देश के कुल कृषि उत्पाद में से बमुश्किल 6 प्रतिशत को ही MSP पर ख़रीदारी का सौभाग्य मिल पाता है। यानी, 94 प्रतिशत कृषि उपज की भागीदारी निभाने वाले करोड़ों किसानों को MSP का लाभ नहीं मिल पाता। इसके लिए MSP की गारंटी के साथ ही देश में क़रीब 35 हज़ार और मंडियाँ बनाने की ज़रूरत है।
नर्सरी पोर्टल से किसानों को अपने आसपास की नर्सरी का पता-ठिकाना, उसका प्रोफ़ाइल, वहाँ उपलब्ध फल, फूल, सब्ज़ियों, मसालों के उन्नत किस्मों के पौधों, बीज और उनके मूल्य वग़ैरह की पूरी जानकारी आसानी से मिल जाएगी। वो नर्सरी उत्पादों के दाम की भी तुलना कर सकेंगे और नर्सरी संचालकों को अपनी ख़ास माँग के बारे में भी बताकर एडवांस बुकिंग भी कर सकेंगे। इससे नर्सरी संचालकों के बीच भी प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और किसान को फ़ायदा होगा।