बागवानी से किसानों को मिला नया रास्ता, अमरूद की खेती बनी तरक्क़ी की मिसाल
अमरूद की खेती से किसानों की आय में बढ़ोतरी हो रही है। अमरूद की पिंक ताइवान क़िस्म बाज़ार में लोकप्रिय होकर किसानों के लिए वरदान बनी।
अमरूद की खेती से किसानों की आय में बढ़ोतरी हो रही है। अमरूद की पिंक ताइवान क़िस्म बाज़ार में लोकप्रिय होकर किसानों के लिए वरदान बनी।
अनूप सिंह बताते हैं कि ‘उनके भाई के ससुरालवालों ने सलाह दी थी कि आप अमरूद की खेती करो। इसके बाद वहां से अमरूद लाकर यहां पर लगाया। उन्होंने बताया की 1000 अमरूद के पेड़ लगाए। अब एक हजार पेड़ों साल में दो बार फ़ल देते हैं।
चित्तौड़गढ़ के आशीष ने बताया कि उन्होंने 2014 से नर्सरी की शुरुआत की थी। इस नर्सरी में अमरूद की उन्नत किस्मों पर काम करते हैं। अमरुद आज वर्तमान स्थिति में सबसे ज़्यादा बिकने वाला फल है। अमरूद की खेती किसी भी क्षेत्र में की जा सकती है। जानिए अमरूद की खेती से जुड़ी अहम बातों के बारे में।
ताइवान पिंक अमरूद की विशेषता यह है कि इसका पौधा एक फीट की ऊंचाई पर फल देने लगता है। इसके पौधे में बारह महीने फूल और फल लगते हैं। पौधा लगाने के 6 महीने बाद इसमें फल आने शुरू होते हैं और एक बीघा में अमरूद की खेती कर सालाना 7 लाख रुपए तक कमा सकते हैं।
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