प्राकृतिक खेती अपनाकर सेब की खेती में सफल हुए हिमाचल के प्रगतिशील किसान भगत सिंह राणा
प्राकृतिक खेती से सेब की खेती को नया जीवन देने वाले भगत सिंह राणा की कहानी पढ़ें और जानिए खेती में बदलाव की राह।
कृषि क्षेत्र में सक्सेस स्टोरीज का संग्रह। आपकी मोटिवेशन बढ़ाने वाली कहानियों को जानें और सफलता की ओर एक कदम बढ़ाएं। किसान ऑफ इंडिया पर हमारे साक्सेस स्टोरीज से प्रेरणा लें।
प्राकृतिक खेती से सेब की खेती को नया जीवन देने वाले भगत सिंह राणा की कहानी पढ़ें और जानिए खेती में बदलाव की राह।
कश्मीर की ज़मीन पर विदेशी सब्ज़ियों की खेती ने दस्तक दी है। शोपियां के ग़ुलाम मोहम्मद मीर ने पुलवामा में ब्रोकली, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, चाइनीज़ गोभी और केल की खेती कर मिसाल पेश की है। किसान उनके फ़ार्म को देखने और उनसे सीखने भी आते हैं।
एकीकृत कृषि प्रणाली अपनाकर डोंडुबाई चव्हाण ने खेती की तस्वीर बदली, कम ज़मीन में हासिल की लाखों की कमाई और सम्मान।
पर्माकल्चर (Permaculture) और टेरेस गार्डनिंग से अमनिंदर नागरा ने अपने खेत को बनाया हरियाली का प्रतीक और गांव को दिया आत्मनिर्भरता का रास्ता।
अनूप सिंह बताते हैं कि ‘उनके भाई के ससुरालवालों ने सलाह दी थी कि आप अमरूद की खेती करो। इसके बाद वहां से अमरूद लाकर यहां पर लगाया। उन्होंने बताया की 1000 अमरूद के पेड़ लगाए। अब एक हजार पेड़ों साल में दो बार फ़ल देते हैं।
जैविक खेती अपनाकर विट्ठल गुरुजी ने कमाया करोड़ों का मुनाफ़ा और बन गए बुरहानपुर के किसानों के लिए प्रेरणा।
Fishlikes एक ऐसा ब्रांड है, जिसे ओडिशा की ग्रामीण महिलाओं ने अपने हौसले और हुनर से खड़ा किया। झींगा अचार और मछली चिप्स जैसे उत्पादों के ज़रिए अब ये ब्रांड समंदर के स्वाद को हाइजीनिक पैकिंग में शहरों और दूसरे राज्यों तक पहुंचा रहा है।
अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 (International Year of Cooperatives 2025) के अवसर पर केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और IFFCO के मार्केटिंग निदेशक डॉ. योगेंद्र कुमार ने महत्वपूर्ण निर्णयों की घोषणा की।
शिवराज सिंह चौहान ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना का दौरा किया (Shivraj Singh Chauhan visited the Eastern Research Complex of Patna) और पूर्वी भारत में कृषि के क्षेत्र में हो रहे अनुसंधान कार्यों की समीक्षा की।
हल्दी की खेती और मशरूम की खेती से उत्तराखंड के हरीश सजवान ने अच्छी आय अर्जित कर खेती को बनाया मुनाफ़े का ज़रिया।
सूरज तिवारी एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी करने के बावजूद (The mechanical engineer who became Lucknow’s ‘Mango King’) ने खेती और फ़लों के व्यवसाय को चुना और आज वे आम, अमरूद, लीची और आंवले की खेती से लाखों का टर्न ओवर कमा रहे हैं।
सुपरफ्रूट सी-बकथॉर्न (Superfruit Sea Buckthorn) से भरपूर पोषण और रोज़गार के नए अवसर, लद्दाख-हिमाचल में खेती से बदल रही किसानों की ज़िंदगी।
हंसराज नखत पूरी तरह से नेचुरल और ऑर्गेनिक खेती (Natural and organic farming) करके न सिर्फ अच्छी पैदावार ले रहे हैं, बल्कि मिट्टी की सेहत भी बना रहे हैं। उनकी ये कोशिश केवल उनके खेत तक सीमित नहीं है, बल्कि वे पूरे क्षेत्र के किसानों के लिए एक मिसाल बन चुके हैं।
सौम्या का फ़ार्म सिर्फ़ एक साधारण मछली फ़ार्म नहीं, बल्कि नवाचार का केंद्र है। इसमें मैकेनिकल और बायोफिल्ट्रेशन सिस्टम, डीगैसिंग यूनिट, स्लज टैंक, प्रयोगशाला और मछली चारे के लिए स्टोररूम हैं।
मशरूम की खेती (Mushroom Cultivation) से आत्मनिर्भर बनीं रिंकुराज मीना की सच्ची कहानी जानिए जो खेती को बना रही हैं युवाओं के लिए प्रेरणा।
जब ज़्यादातर लोग गांव छोड़कर शहर की ओर भागते हैं, भूपेश रेड्डी ने विपरीत रास्ता चुना। एक एमबीए ग्रेजुएट होते हुए भी उन्होंने कॉरपोरेट दुनिया को छोड़, किसानों के साथ ज़मीन पर उतरने का फैसला लिया। उनके नेतृत्व में JDR Agritech आज ग्रामीण नवाचार और कृषि-उद्यमिता का नया मॉडल बन गया है।
संस्कृत की टीचर से महिला सशक्तिकरण की मिसाल बनीं असम की सूमि बरदलोई। जानिए कैसे उनके प्रोसेसिंग यूनिट और एकीकृत फ़ार्मिंग मॉडल ने बदली गांव की महिलाओं की तस्वीर।
मल्टीलेयर फ़ार्मिंग (Multilayer Farming) तकनीक से आकाश चौरसिया ने शुरू की क्रांतिकारी खेती, 10 डेसिमल से 28 एकड़ तक का सफर बना मिसाल।
चरणजीत सिंह (Progressive farmer of Uttarakhand) ने अपने खेत को एक स्वावलंबी इकाई (self supporting unit) के रूप में डेपलप किया है। उनके फार्म पर आपको हर तरह की गतिविधियां एक साथ चलती दिखेंगी।
महादेव गोमारे ने लातूर में बांस की खेती और पोषण गार्डन मॉडल से बदली किसानों की तक़दीर, बने समाज बदलाव की अनूठी मिसाल।