शेखावाटी के किसानों ने पारंपरिक खेती छोड़ अपनाई पॉलीहाउस में खेती की तकनीक
पॉलीहाउस में खेती से किसान कमा रहे लाखों, सरकार दे रही अनुदान और ड्रिप सिस्टम से हो रही जल बचत, जानिए पूरी कहानी।
पॉलीहाउस में खेती से किसान कमा रहे लाखों, सरकार दे रही अनुदान और ड्रिप सिस्टम से हो रही जल बचत, जानिए पूरी कहानी।
‘लाल आटा बीटल’ (Red Flour Beetle) भंडारित अनाज को अंदर से खोखला कर देते हैं। ये कीट न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया में किसानों और अनाज भंडारकर्ताओं (grain storekeepers) के लिए एक बड़ी समस्या बने हुए हैं।
राजस्थान का हनुमानगढ़ जिले में इस बार किसानों ने पारंपरिक तरीके को छोड़कर एक नई तकनीक अपनाई है, डायरेक्ट सीडेड राइस (Direct Seeded Rice) यानि DSR विधि अपनाई है। ये तकनीक न सिर्फ पानी की बचत (Direct Seeded Rice and Water Saving) कर रही है, बल्कि किसानों की मेहनत और लागत भी कम कर रही है।
अर्बुस्कुलर माइकोरिज़ल कवक (Arbuscular mycorrhizal fungi) मिट्टी की सेहत सुधारकर भारतीय किसानों को कम उर्वरक में बेहतर उपज पाने में मदद कर रहा है।
पौधे बात करते हैं शब्दों में नहीं, बल्कि रासायनिक फुसफुसाहट में जिन्हें वाष्पशील कार्बनिक यौगिक (Volatile Organic Compounds) कहा जाता है।
आजकल बाजार में नकली बीजों (How To Identify Fake Seeds) की बाढ़ आ गई है। जो देखने में असली लगते हैं, लेकिन बोने के बाद पछतावा छोड़ जाते हैं।
बीज स्मृति और पौधों की स्मृति से जानें कैसे फ़सलें पुराने तनावों को याद रखती हैं और अगली पीढ़ी को जलवायु के लिए मजबूत बनाती हैं।
बिहार राज्य के किसान ख़रीफ़ फ़सल के लिए इन सलाहों को अपनाकर उपज और मुनाफ़े में बड़ा सुधार ला सकते हैं।
मल्टीलेयर फ़ार्मिंग (Multilayer Farming) तकनीक से आकाश चौरसिया ने शुरू की क्रांतिकारी खेती, 10 डेसिमल से 28 एकड़ तक का सफर बना मिसाल।
सोयाबीन की कटाई (Soybean Harvesting) भंडारण और बिक्री की सही रणनीति जानकर किसान उपज और मुनाफ़ा दोनों बढ़ा सकते हैं।
ध्वनि आधारित खेती (Acoustic Agriculture) एक उभरती तकनीक है, जो ध्वनिक तरंगों के ज़रिए फ़सल की वृद्धि, उपज और पौधों के स्वास्थ्य को बेहतर बना रही है।
खेती-किसानी टेक्नोलॉजी (Promoting new technology in agriculture) की मदद से आगे बढ़ रही है। सरकार किसानों की आय बढ़ाने और खेती को आसान बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही है।
सोयाबीन की खेती (Soybean Cultivation) में सिंचाई का सही समय और तरीका जानें, कम पानी में उपज बढ़ाएं और सूखा होने पर फ़सल को बचाएं।
सोयाबीन की फ़सल में रोगों (Diseases in soybean crop) से बचाव और जैविक उपचार के प्रभावी तरीके अपनाकर उपज और मुनाफा दोनों बढ़ाएं।
सोयाबीन की खेती (Soybean Cultivation) में मिश्रित खेती और फ़सल चक्र अपनाकर जानिए उपज कैसे बढ़ा सकते हैं किसान।
सोयाबीन की खेती (Soybean Cultivation) में उपज बढ़ाने के लिए जानिए सही जलवायु, मिट्टी की तैयारी और वैज्ञानिक तरीके जो किसान के लिए फ़ायदेमंद हैं।
डीएनए फिंगरप्रिंटिंग (DNA Fingerprinting) तकनीक भारतीय किसानों की पारंपरिक फ़सल क़िस्मों को चोरी और पेटेंट से बचाने में अहम भूमिका निभा रही है।
फ़सल मनोविज्ञान (Crop Psychology) और पौधों के व्यवहार से जुड़ा ज्ञान पारंपरिक अनुभव और वैज्ञानिक समझ को जोड़ते हुए खेती को संवेदनशीलता और समझ से भरता है।
तिल (Sesame cultivation) एक प्रमुख नकदी फसल है। ये पोषक तत्वों से भरपूर होने के साथ-साथ तेल उत्पादन के लिए भी जानी जाती है। हालांकि, तिल की खेती में कई प्रकार के रोग और कीट लगने का खतरा रहता है, जो फसल की पैदावार और गुणवत्ता को प्रभावित करते हैं।
भारत के किसान (Agriculture festivals in India) अपनी उपज को खेतों में लहलहता देखकर खुशी मनाते हैं। देश के हर कोने में कृषि त्योहार एक परंपरा है जो यहां की मिट्टी में गहराई से समाया हैं, जो फसलों जश्न मनाते हैं और प्रकृति के प्रति शुक्र अदा करते हैं। तमिलनाडु में पोंगल से लेकर पंजाब में बैसाखी, केरल में ओणम और पूरे उत्तर भारत में मकर संक्रांति तक, ये त्योहार मौसमी बदलावों और किसानों की कड़ी मेहनत का प्रतीक हैं।