Author name: Neha Tripathi

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Nitrogen Management: कैसे स्मार्ट नाइट्रोजन प्रबंधन सफल कृषि की कुंजी है?
टेक्नोलॉजी, न्यूज़, फसल प्रबंधन

Nitrogen Management: कैसे स्मार्ट नाइट्रोजन प्रबंधन सफल कृषि की कुंजी है?

जहां तक ​​नाइट्रोजन प्रबंधन का संबंध है, कृषि क्षेत्र एक दुष्चक्र में है। मिट्टी में नाइट्रोजन मौजूद होता है जो पौधों और फसलों को बढ़ने में मदद करता है। इसका उपयोग विशेष रूप से उर्वरकों और कीटनाशकों में किया जाता है जो पौधों को बढ़ने में और बेहतर उपज पाने में मदद करते हैं।

Varieties Of Mustard सरसों की उन्नत किस्म
फल-फूल और सब्जी, सब्जियों की खेती, सरसों

8 Varieties Of Mustard: सरसों की इन 8 उन्नत किस्मों से लेकर सरसों उत्पादन से जुड़ी अहम जानकारी

यहां हम बाज़ार में मौजूद सरसों के बीजों की किस्मों (Varieties Of Mustard) के बारे में जानेंगे और ये भी समझेंगे कि सही किस्म को चुनते हुए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

स्वदेशी कृषि प्रौद्योगिकियों
न्यूज़

National Science Day 2024: स्वदेशी कृषि प्रौद्योगिकियों को पुनर्जीवित करना है फ़ायदे की बात

स्वदेशी प्रौद्योगिकियां अक्सर एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुंचाई जाती हैं जो उस जगह के पर्यावरण कारक, संसाधन और सांस्कृतिक प्रथाओं के हिसाब से होती हैं। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2024 पर, इन कृषि पद्धतियों के बारे में जानना अच्छा रहेगा। इन तकनीकों ने भारत में किसानों को स्थानीय परिस्थितियों के अनुकूल ढलने और उनकी उत्पादकता बढ़ाने में मदद की है। 

कृषि अवशेष प्रबंधन
टेक्नोलॉजी, न्यूज़, फसल प्रबंधन

Crop Residue Management: कृषि अवशेष प्रबंधन से जुड़ी ये बातें क्यों महत्वपूर्ण है?

कृषि अवशेष को अक्सर जला दिया जाता है या खेतों में सड़ने के लिए छोड़ दिया जाता है। हालांकि, टिकाऊ प्रथाओं की मदद से, इन अवशेषों के इस्तेमाल से अब खाना पकाने के लिए ऊर्जा के एक मूल्यवान स्रोत के रूप में किया जा सकता है।

Saffron Cultivation अब पूर्वोत्तर में केसर की खेती
मसालों की खेती, न्यूज़

Saffron Cultivation: अब पूर्वोत्तर में केसर की खेती, बैंगनी क्रांति कैसे बनेगी आजीविका का साधन?

NECTAR ने राज्य सरकार विभागों के सहयोग से पूर्वोत्तर राज्यों अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मिज़ोरम और सिक्किम में केसर की खेती के लिए उपयुक्त जगहों की पहचान की है। NECTAR की केसर खेती परियोजना के परिणामस्वरूप, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय के कुल 64 किसान अब इस परियोजना से लाभान्वित हो रहे हैं।

कृषि क्षेत्र में पक्षी (1)
न्यूज़, कृषि उपज

Importance Of Birds In Agriculture: किसानों के दोस्त हैं ये पक्षी, जानिए इनके बारे में

ये कहना गलत नहीं होगा कि भारत पक्षियों की कई प्रजातियों का घर है। इनमें से कई पक्षी ऐसे हैं जो किसानों के दोस्त होते हैं। कीट नियंत्रण से लेकर परागण तक, पक्षी किसानों के लिए प्राकृतिक सहयोगी बन गए हैं। इसका सबसे बड़ा फ़ायदा ये है कि इससे टिकाऊ और उत्पादक कृषि पद्धतियां बनाने में मदद मिल रही है।

मधुमक्खी पालन 2
न्यूज़, एग्री बिजनेस, फ़ूड प्रोसेसिंग, विविध

Apiculture: कैसे कृषि और मधुमक्खी पालन के बीच है दिलचल्प संबंध? किसानों-युवाओं को भा रही Beekeeping

शहद और मधुमक्खियों के बिना, कई फसलें प्रजनन करने में सक्षम नहीं होंगी। मधुमक्खियां फसलों को मजबूत और कीटों और बीमारियों को लेकर ज़्यादा प्रतिरोधी बनाने में भी मदद करती हैं। जानिए खेती और मधुमक्खी पालन से जुड़ी अहम बातें।

बकरी पालन (Goat Farming)
पशुपालन, टेक्नोलॉजी, न्यूज़, पशुपालन तकनीक, बकरी पालन

Goat Farming: बकरी पालन से जुड़ी क्या हैं उन्नत तकनीकें और मार्केटिंग का तरीका? कैसे किसानों ने पाई सफलता?

भारत में बकरी पालन में नवाचारों का उद्देश्य किसानों की आजीविका को बढ़ाना, घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में बकरी उत्पादों की बढ़ती मांग को पूरा करना है।

सर्दियों में खेती 2
न्यूज़, कृषि रोजगार एवं शिक्षा

पाले की समस्या से कैसे पाएं निजात? सर्दियों की शुरुआत भारत में खेती को कैसे प्रभावित करती है?

किसान सर्दियों की इन चुनौतियों से पार पाने के लिए रणनीतियां अपनाते हैं, और सरकार टिकाऊ कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने और सिंचाई सुविधाओं तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए सहायता देती है।

कृषि अवशेष 3
टेक्नोलॉजी, जलवायु परिवर्तन, न्यूज़, फसल प्रबंधन, विविध

कृषि अवशेष जलाने से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में बढ़ोतरी पर IISER का अनुसंधान

वैज्ञानिकों ने एक क्रांतिकारी उपग्रह-आधारित तकनीक विकसित की है, जो भारत में कृषि अवशेष जलाने से होने वाले ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन पर प्रकाश डालता है।

पादप हॉर्मोन और पशु हॉर्मो
न्यूज़, तकनीकी न्यूज़

क्या है पादप हॉर्मोन और पशु हॉर्मोन के बीच अंतर, एक तुलनात्मक विश्लेषण

पादप हॉर्मोन और पशु हॉर्मोन कई मायनों में समान हैं। दोनों प्रकार रासायनिक संदेशवाहक हैं जो अपने संबंधित जीवों के भीतर विभिन्न शारीरिक प्रक्रियाओं को नियंत्रित करते हैं।

बातें करती हैं फसलें
न्यूज़, अन्य

किसान से बातें करती हैं फसलें… क्या आपने सुना है?

फसल न सिर्फ़ बातें करती हैं बल्कि वो आपकी बातों का जवाब भी देती हैं। वो बात अलग है कि हमें उनकी आवाज़ सुनाई नहीं देती। इसके पीछे वैज्ञानिक कारण है। दरअसल, पौधों की आवाज़ हमारी सुनने की शक्ति से कहीं ज़्यादा तेज़ होती है। इसलिए हम उनकी आवाज़ सुन नहीं पाते हैं, लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि हम पौधों की बातों को नज़रअंदाज़ कर दें।

प्रकाश प्रदूषण का असर खेती पर
टेक्नोलॉजी, न्यूज़, फसल प्रबंधन

Light Pollution: प्रकाश प्रदूषण भारत में कृषि को कैसे प्रभावित कर रहा है? क्या नुकसान और क्या हो बचाव?

ये तो अब वैज्ञानिक रूप से भी साबित हो चुका है कि प्रकाश प्रदूषण पौधों के चक्र में बाधा पैदा करता है। परागण और कृषि पर गलत प्रभाव डालता है। कैसे इसके प्रभाव को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं। पढ़िए इस लेख में।

Lavender Farming लैवेंडर की खेती
फल-फूल और सब्जी, न्यूज़, फूलों की खेती, सरकारी योजनाएं

लैवेंडर की खेती के लिए जम्मू और कश्मीर सरकार ने क्या बुनियादी ढांचा बनाया है?

मिशन का मक़सद किसानों की आय बढ़ाना और व्यावसायिक स्तर पर लैवेंडर की खेती को बढ़ावा देना है। साथ ही लैवेंडर का तेल बनाना है जो 10,000 रुपये प्रति लीटर में बिकता है। अन्य लोकप्रिय उत्पादों में दवाएं, अगरबत्ती, साबुन और एयर फ्रेशनर शामिल हैं।

लैवेंडर की खेती lavender farming
एग्री बिजनेस, न्यूज़, फूलों की खेती

Lavender Farming: लैवेंडर की खेती किसानों को आर्थिक रूप से बेहतर बनाने में कैसे मदद करती है?

लैवेंडर की खेती बहुत फ़ायदेमंद होती है। लैवेंडर अपने गुणों के कारण इत्र, साबुन और व्यक्तिगत देखभाल के लिए इस्तेमाल होने वाली चीज़ें बनाने में काम आता है। लैवेंडर से बनने वाले तेल की मांग लगातार बढ़ती जा रही है, जिससे भारत जैसे देशों में लैवेंडर की खेती में वृद्धि हुई है।

Lavenders Plant - लैवेंडर की खेती
न्यूज़, फल-फूल और सब्जी

Lavender Farming In India: लैवेंडर का पौधा 15 साल तक देता है फूल, भारत में लैवेंडर की खेती खतरे में?

एक अकेला लैवेंडर का पौधा 15 साल तक फूल देता है, कम रखरखाव की ज़रूरत होती है और इसे रोपने के दूसरे साल से ही इस्तेमाल किया जा सकता है। हाल के वर्षों में, लैवेंडर की खेती ने भारत में फ़ायदेमंद फसल के रूप में लोकप्रियता हासिल की है। लेकिन, इस पर कुछ ख़तरे भी मंडरा रहे हैं।

ओलावृष्टि hailstorm in madhya pradesh
न्यूज़, फसल न्यूज़, मौसम, विविध

बेमौसम बारिश और बदलते मौसम से फसलों पर पड़ता असर, ओलावृष्टि से नुकसान पहुंचने की खबरें

मध्य प्रदेश अपने समृद्ध कृषि उद्योग के लिए जाना जाता है। हालांकि, हाल के वर्षों में बार-बार होने वाली ओलावृष्टि से किसानों की फसलों पर असर पड़ा है।

AQI
न्यूज़, फसल न्यूज़

AQI का कृषि, फसल उपज और खाद्य उत्पादन पर गहरा प्रभाव, क्यों सतर्क रहने की है ज़रूरत?

क्या आपने कभी व्यस्त सड़क पर रुक कर सड़क के किनारे लगे पौधों को देखा है? उन्होंने अपनी चमक खो दी है। पौधों से जिस हरियाली की उम्मीद थी, वो खत्म हो गई है। पौधे हल्के पीले या भूरे रंग के हो गए हैं। हम सभी जानते हैं कि इसका कारण वायु प्रदूषण है। किसान अपने खेतों में जो फसलें उगाते हैं, उनका भी यही हाल है। प्रदूषण और उच्च वायु गुणवत्ता सूचकांक या AQI इन पौधों को मार रहे हैं। वो न केवल अपना रंग और रूप बदल रहे हैं बल्कि उनकी संरचना और कार्य भी बदल रहे हैं।

रंगीन मक्के की खेती multi colored corn cultivation
कृषि उपज, न्यूज़, मक्का

रंगीन मक्के की खेती करने का क्या है सही तरीका? मक्के की उन्नत किस्मों के बारे में जानें

अधिकांश मक्का सिर्फ़ पीले या सफेद रंग में आता है, लेकिन भारतीय मकई की बात ही अलग है। कुछ किस्में सफेद, लाल, नीले और काले रंगों में तो कुछ बहुरंगी होती हैं। रंगीन मक्के की खेती कैसे करें? जानिए इस लेख में।

एग्रीबॉट agribots
कृषि उपकरण, ड्रोन, न्यूज़

कैसे काम करता है किसानों के डिजिटल मित्र ‘एग्रीबॉट्स’? खेती को आसान बनाने वाले Agribots

एग्रीबॉट्स को ही कृषि रोबोट कहा जाता है। ये मूल रूप से कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानी artificial intelligence पर आधारित रोबोट हैं, जो कृषि प्रथाओं के लिए उपयोगी हैं।

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