डोंडुबाई हन्नू चव्हाण जिन्होंने अपनाई एकीकृत कृषि प्रणाली और बदल दी ज़िंदगी
एकीकृत कृषि प्रणाली अपनाकर डोंडुबाई चव्हाण ने खेती की तस्वीर बदली, कम ज़मीन में हासिल की लाखों की कमाई और सम्मान।
एकीकृत कृषि प्रणाली अपनाकर डोंडुबाई चव्हाण ने खेती की तस्वीर बदली, कम ज़मीन में हासिल की लाखों की कमाई और सम्मान।
क्लाउड फ़ार्मिंग (Cloud Farming) एक तकनीक है जिससे कोहरे, धुंध और ओस जैसे अदृश्य जल स्रोतों को इकट्ठा कर सूखे क्षेत्रों में पानी जुटाया जाता है।
भूमिगत ड्रिप सिंचाई तकनीक (Subsurface Drip Irrigation) से कम पानी में बेहतर पैदावार संभव है। यह विधि मिट्टी की सेहत सुधारती है और खेती को बनाती है स्मार्ट।
Fishlikes एक ऐसा ब्रांड है, जिसे ओडिशा की ग्रामीण महिलाओं ने अपने हौसले और हुनर से खड़ा किया। झींगा अचार और मछली चिप्स जैसे उत्पादों के ज़रिए अब ये ब्रांड समंदर के स्वाद को हाइजीनिक पैकिंग में शहरों और दूसरे राज्यों तक पहुंचा रहा है।
अर्बुस्कुलर माइकोरिज़ल कवक (Arbuscular mycorrhizal fungi) मिट्टी की सेहत सुधारकर भारतीय किसानों को कम उर्वरक में बेहतर उपज पाने में मदद कर रहा है।
पौधे बात करते हैं शब्दों में नहीं, बल्कि रासायनिक फुसफुसाहट में जिन्हें वाष्पशील कार्बनिक यौगिक (Volatile Organic Compounds) कहा जाता है।
चुंबकीय जल सिंचाई एक उभरती तकनीक है जो सिंचाई जल की गुणवत्ता सुधारकर कम लागत में बेहतर फ़सल उत्पादन में मदद करती है।
बीज स्मृति और पौधों की स्मृति से जानें कैसे फ़सलें पुराने तनावों को याद रखती हैं और अगली पीढ़ी को जलवायु के लिए मजबूत बनाती हैं।
सौम्या का फ़ार्म सिर्फ़ एक साधारण मछली फ़ार्म नहीं, बल्कि नवाचार का केंद्र है। इसमें मैकेनिकल और बायोफिल्ट्रेशन सिस्टम, डीगैसिंग यूनिट, स्लज टैंक, प्रयोगशाला और मछली चारे के लिए स्टोररूम हैं।
भारत में मधुमक्खी पालन फलों की बागवानी में परागण के माध्यम से उत्पादकता बढ़ाने का एक वैज्ञानिक और लाभकारी तरीका बन गया है।
आज की दुनिया में “जलवायु परिवर्तन” और “कार्बन उत्सर्जन” जैसे शब्द आम हो गए हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इससे भारतीय किसान भी फायदा उठा सकते हैं? कार्बन फ़ार्मिंग (Carbon Farming) एक ऐसी तकनीक है, जिससे किसान न सिर्फ पर्यावरण की रक्षा कर सकते हैं, बल्कि अतिरिक्त आमदनी भी कमा सकते हैं।
जब ज़्यादातर लोग गांव छोड़कर शहर की ओर भागते हैं, भूपेश रेड्डी ने विपरीत रास्ता चुना। एक एमबीए ग्रेजुएट होते हुए भी उन्होंने कॉरपोरेट दुनिया को छोड़, किसानों के साथ ज़मीन पर उतरने का फैसला लिया। उनके नेतृत्व में JDR Agritech आज ग्रामीण नवाचार और कृषि-उद्यमिता का नया मॉडल बन गया है।
संस्कृत की टीचर से महिला सशक्तिकरण की मिसाल बनीं असम की सूमि बरदलोई। जानिए कैसे उनके प्रोसेसिंग यूनिट और एकीकृत फ़ार्मिंग मॉडल ने बदली गांव की महिलाओं की तस्वीर।
मूंगफली की कटाई (Groundnut Harvesting) के सही समय, सूखाने की विधियां और भंडारण तकनीक से फ़सल की गुणवत्ता बनाए रखें और बाज़ार मूल्य में बढ़ोतरी करें।
मूंगफली बीज उपचार से फ़सल को रोगों से बचाएं और पैदावार बढ़ाएं। जानें पारंपरिक, जैविक व आधुनिक उपचार के प्रभावी तरीके।
सूखे क्षेत्रों में मूंगफली की खेती (Groundnut Cultivation) को सफल बनाने के लिए जानें जल प्रबंधन की वैज्ञानिक और व्यवहारिक रणनीतियां।
मूंगफली की खेती (Groundnut Cultivation) में सही पोषक तत्व प्रबंधन से उपज बढ़ाएं और मिट्टी की उर्वरता बनाए रखें, जानें इसके वैज्ञानिक पहलू।
भारत में ग्रीष्मकालीन मूंगफली की खेती एक लाभदायक अवसर बनती जा रही है। ये लेख बताता है कि कैसे किसान इसकी मदद से अच्छी पैदावार, बेहतर तेल गुणवत्ता, और मिट्टी की उर्वरता सुनिश्चित कर सकते हैं। साथ ही, गर्मी में जल संकट, श्रमिकों की कमी और तापीय तनाव जैसी चुनौतियों के व्यावहारिक समाधान भी जानिए।
ध्वनि आधारित खेती (Acoustic Agriculture) एक उभरती तकनीक है, जो ध्वनिक तरंगों के ज़रिए फ़सल की वृद्धि, उपज और पौधों के स्वास्थ्य को बेहतर बना रही है।
भारत में ज़मीन की कमी को देखते हुए, रात में खेती (Farming at night) एक नया और वैज्ञानिक तरीका बन रहा है, जिसमें कृत्रिम रोशनी और तकनीक से फ़सलें उगाई जाती हैं।