Carrot Seeds: गाजर के साथ ही गाजर के बीज उत्पादन से होगा किसानों को डबल फ़ायदा?
जसपाल हर साल गाजर की खेती करते हैं और आखिर में गाजर के बीज का उत्पादन भी कर लेते हैं जिससे लगभग 100 किलोग्राम बीज तैयार होता है।
जसपाल हर साल गाजर की खेती करते हैं और आखिर में गाजर के बीज का उत्पादन भी कर लेते हैं जिससे लगभग 100 किलोग्राम बीज तैयार होता है।
भारत में एक बहुमूल्य फसल का उत्पादन होता है जो अपनी परम्परागत तरीके के लिए भी जानी जाती है। इसका
जानें पहाड़ी इलाकों में गहत की खेती के फ़ायदे, पोषण मूल्य और इसके अनोखे गुण। गहत, एक पौष्टिक दाल है और सेहत के लिए बेहद फ़ायदेमंद होती है।
भारत में पाई जाने वाली रेगिस्तानी टिड्डी सबसे ज़्यादा खतरनाक होती है। इनका झुंड जब खेतों, हरे-भरे घास के मैदानों में आता है और ज़्यादा विनाशकारी रूप ले लेता है।
वैज्ञानिकों ने मक्का की खेती के कई नए तरीके खोजे हैं जिनसे कम मेहनत में ज़्यादा फ़सल मिल सकती है और इन नए तरीकों से किसान कम ख़र्च में ज़्यादा मक्का उगा सकते हैं।
जानते हैं कि मिश्रित खेती में कौन-कौनसी फ़सलें उगाएं (Crops To Grow In Mixed Farming) जो आपकी खेती में सबसे कारगर साबित हो सकती हैं।
कंद फसलों की खेती (Tuber Crops Cultivation), जैसे आलू और शकरकंद, किसानों के लिए लाभकारी है। ये पौष्टिक, उच्च मूल्य वाली और कम पानी की आवश्यकता वाली होती हैं।
भारतीय गेहूं और जौ अनुसन्धान संस्थान ने जौ की उपज की DWRB-219 किस्म ईज़ाद की है, जिसकी पैदावार परम्परागत किस्मों के मुक़ाबले दोगुनी है।
कपास की फ़सल को खरपतवार से सुरक्षित रखने में अंतरवर्तीय फसल प्रणाली (Intercropping System) की तकनीक बेहद उपयोगी और किफ़ायती साबित होती है।
खरीफ़ मौसम के दौरान कृषि में फ़सल चक्र (Crop rotation in agriculture) अपनाकर किसान अपने खेत को कई तरह की परेशानियों से बचाते हैं।
मक्के की फ़सल में पोषक तत्वों (Maize Crop Nutrients) की कमी कई समस्याओं का कारण बन सकती है, जिससे उत्पादन में गिरावट आ सकती है।
नारियल की खेती (Coconut Cultivation) गर्म तापमान में अच्छी होती है, क्योंकि इस मौसम में फल अच्छी तरह पक जाते हैं। ये 10 डिग्री से लेकर 40 डिग्री तक के तापमान को सहन कर सकते हैं।
अब गर्मियों में भी ग्रीष्मकालीन गन्ने की खेती की जा रही है, हालांकि शरद और बसंद ऋतु के मुकाबले गर्मियों में गन्ने की पैदावर कम होती है, लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखकर गर्मियों में भी अच्छी फसल प्राप्त की जा सकती है।
Suran Ki Kheti: सूरन (Suran) को ओल और जिमीकंद के नाम से देश के अलग-अलग हिस्सों में सब्जी के तौर
भारतीय अनुसंधान परिषद ( Indian council of agricultural research) के अलग-अलग संस्थानों (Institutions) ने श्री अन्न की उन्नत किस्में तैयार की हैं। इन उन्नत हाइब्रिड किस्मों में बाजरा की 4, कुटकी की 6, रागी की 5, चीना या प्रोसो मिलेट की 3, कोदो की 2, कंगनी की 2, ब्राउन टॉप की 1, सांवां की 1 किस्म शामिल है। कुल मिलाकर 24 किस्में है जो ICAR ने तैयार की गई हैं।
जो लोग कृषि से जुड़ा व्यवसाय करने की सोच रहे हैं, उनके लिए मशरूम उत्पादन व्यवसाय बेहतरीन विकल्प है, क्योंकि
चिकोरी, जिसे कासनी भी कहा जाता है, भारत में खेती के लिए नगदी फसल के रूप उगाया जाता है। इसको पशुओं के लिए हरे चारे की फ़सल के रूप में उगाया जाता है। इसमें कच्चे प्रोटीन का स्तर 10 से 32 फ़ीसदी तक होता है। भारत में चिकोरी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और कश्मीर में पाया जाता है।
Mung Ki Kheti | देश के कई हिस्सों में मूंग दाल की बुवाई हो चुकी है। मूंग दाल दलहनीय फसलों
राइस ब्रान ऑयल को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार नेफेड के फोर्टिफाइड ब्रैन राइस ऑयल को ई-लॉन्च किया है।राइस ब्रैन ऑयल की मार्केटिंग सभी नेफेड स्टोर्स और ऑनलाइन प्लेटफार्म पर हो रही है।वहीं साल 2024-2032 के दौरान इंडियन सनफ्लावर ऑयल मार्केट 7 फीसदी की CAGR प्रदर्शित करेगा।
बुंदेलखंड जैसे इलाके में जहां पानी की समस्या है और बड़ी मात्रा में ज़मीन बंजर पड़ी रहती है, लेमनग्रास की खेती यहां के किसानों के लिए वरदान साबित हो सकती है। इसकी खेती कम पानी में भी आसानी से की जा सकती है।