महाराष्ट्र सरकार का ऐतिहासिक कदम: पशुपालन को कृषि का दर्जा मिला, लाखों पशुपालकों को मिलेगा सीधा लाभ
महाराष्ट्र में पशुपालन को कृषि का दर्जा मिलने से पशुपालकों को कृषि दर पर बिजली, ऋण व सब्सिडी सहित कई लाभ मिलेंगे।
पशुपालन के क्षेत्र में सफलता के लिए सुझाव और तकनीकों का अन्वेषण करें। अपने पशुओं की सेहत और कर्णप्रियता को बढ़ाने के लिए विशेषज्ञ सलाह और जानकारी। किसान ऑफ इंडिया पर हमारे गाइड के साथ पशुपालन की दुनिया में आगे बढ़ें।
महाराष्ट्र में पशुपालन को कृषि का दर्जा मिलने से पशुपालकों को कृषि दर पर बिजली, ऋण व सब्सिडी सहित कई लाभ मिलेंगे।
बिहार सरकार ने (Big Initiative Of Bihar Government) एक बड़ा और सराहनीय कदम उठाया है। अब राज्य में बाढ़ या किसी अन्य आपदा के दौरान मरे हुए या लापता मवेशियों के बदले पशुपालकों को आर्थिक मदद (Financial help to cattle owners in lieu of dead or missing cattle) मिलेगी।
10 जुलाई, 2025 को राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस (National Fish Farmers Day 2025) के मौके पर नए मत्स्य क्लस्टर्स (Fisheries Clusters), प्रशिक्षण कार्यक्रम (Training Programs) और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं (Infrastructure Projects) की घोषणा होने जा रही है, जो इस क्षेत्र को और आगे बढ़ाएगी।
HETHA Dairy देसी गौपालन का बड़ा उदाहरण है, जहां असीम रावत ने एथिकल तरीके से 1100 गायों के साथ करोड़ों का व्यवसाय खड़ा किया।
Rani Pig और वैज्ञानिक तकनीक से नागालैंड के सुअर पालन को मिल रही है नई दिशा, जानिए कैसे किसानों की आय में हो रही है वृद्धि।
सरदार पटेल कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन (Sardar Patel Co-operative Dairy Federation) यानि SPCDF की स्थापना की गई है, जो देश के उन लाखों डेयरी किसानों को सशक्त बनाएगी, जो अभी तक सहकारी आंदोलन से जुड़े नहीं हैं।
असली पनीर 100 फीसदी दूध से बनता है, जबकि एनालॉग पनीर (Analog cheese) में दूध की जगह सोया प्रोटीन, वनस्पति तेल, टैपिओका स्टार्च, नारियल तेल और केमिकल्स मिलाए जाते हैं। ये पनीर दिखने में तो असली जैसा लगता है, लेकिन स्वाद और पोषण में बिल्कुल फर्क होता है।
दुनिया के सबसे बड़े लाइव स्टॉक और पोल्ट्री एक्सपो (The world’s largest livestock and poultry expo) में से एक, VIV ASIA, (VIV ASIA Poultry Expo 2026) अब भारत में होने जा रहा है। ये पहली बार है जब ये प्रतिष्ठित एक्सपो थाईलैंड और यूरोप से निकलकर भारत की राजधानी दिल्ली में आयोजित किया जाएगा।
एकीकृत कृषि प्रणाली अपनाकर डोंडुबाई चव्हाण ने खेती की तस्वीर बदली, कम ज़मीन में हासिल की लाखों की कमाई और सम्मान।
भारत के केंद्रीय समुद्री मत्स्य अनुसंधान संस्थान (Central Marine Fisheries Research Institute) यानि CMFRI ने हाल ही में क्लाउनफिश (Clownfish) के बंदी प्रजनन (Captive breeding) में सफलता हासिल की है। इससे न सिर्फ़ समुद्री सजावटी मछलियों (marine ornamental fishes) के व्यापार को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि प्राकृतिक संसाधनों पर दबाव भी कम होगा।
राष्ट्रीय मत्स्य डिजिटल प्लेटफॉर्म (NFDP) एक ऑनलाइन पोर्टल है, जिसका उद्देश्य मछुआरों और मत्स्य किसानों को औपचारिक बैंकिंग और सरकारी योजनाओं से जोड़ना है। इस प्लेटफॉर्म पर रजिस्ट्रेशन करके वे बैंक लोन,, मत्स्य बीमा, प्रदर्शन अनुदान और अन्य वित्तीय सहायता पा सकते हैं।
Indian Council of Agricultural Research (ICAR) के तहत काम करने वाले केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (Central Institute for Research on Goats) द्वारा विकसित बकरियों के लिए AI आधारित स्मार्टफोन ऐप (AI based smartphone app for goats) तैयार किया है
मधुमक्खी पालन ने मुकेश पाठक को बना दिया ब्रांड फेस, जानिए उनकी Faba Honey कहानी और कैसे शुद्ध शहद की शुरुआत हुई।
प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना (Pradhan Mantri Matsya Kisan Samridhi Co-scheme) के तहत अब मछुआरे और मत्स्य पालकों को बेहतर सुविधाएं, वित्तीय सहायता, बीमा कवर और गुणवत्ता सुरक्षा मिलेगी।
‘सी केज फार्मिंग’ (Sea Cage Farming) यानी समुद्र में पिंजरों के ज़रिए मछली पालन की। ये न सिर्फ परंपरागत मछली पालन से बेहतर है, बल्कि इससे उच्च गुणवत्ता वाली मछलियां पैदा होती हैं, जिनकी मांग देश-विदेश में बहुत ज्यादा है।
ईयर टैगिंग (Ear Tagging In Livestock ) नाम की ये टेक्नोलॉजी पशुओं को एक ख़ास पहचान दे रही है, जिससे उनका हर रिकॉर्ड डिजिटल हो रहा है। ये ठीक वैसा ही है, जैसे इंसानों के लिए आधार कार्ड। तो आइए, जानते हैं कि ये टैग कैसे काम करता है और किस तरह ये पशुपालकों के लिए वरदान साबित हो रहा है।
बरसात में मवेशियों का आहार और प्रबंधन सही न हो तो दूध उत्पादन और स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। जानें देखभाल के असरदार तरीके।
भारत में मधुमक्खी पालन फलों की बागवानी में परागण के माध्यम से उत्पादकता बढ़ाने का एक वैज्ञानिक और लाभकारी तरीका बन गया है।
पशुधन के गोबर से बायोगैस प्लांट अब गांवों में रसोई गैस से लेकर बिजली उत्पादन तक का समाधान बन रहे हैं। जानिए इस टिकाऊ तकनीक के फायदे, उपयोग और ग्रामीण विकास में इसकी भूमिका।
समंदर से तालाब तक, भारत का मत्स्य पालन (Fish Farming) क्षेत्र ग्रामीण भारत की नई आशा बन रहा है। भारत का मत्स्य और तटीय क्षेत्र न केवल देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करता है, बल्कि लाखों ग्रामीण और तटीय परिवारों के लिए रोज़गार का मुख्य साधन भी है।