प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के 5 साल, क्या कहते हैं मछली पालन से जुड़े ताज़ा आंकड़े?
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना: ब्लू इकोनॉमी की ताकत, तकनीक और रोजगार से बदल रहा है भारत का मत्स्य क्षेत्र।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना: ब्लू इकोनॉमी की ताकत, तकनीक और रोजगार से बदल रहा है भारत का मत्स्य क्षेत्र।
22 सितंबर तक दिल्ली में आयोजित सरस आजीविका मेला 2025, लखपति दीदियों और ग्रामीण महिलाओं के उत्पाद, संस्कृति, वोकल फॉर लोकल और आत्मनिर्भर भारत का उत्सव है।
रबी फसल की बुवाई से पहले इस राज्य के किसानों को आधुनिक कृषि यंत्रों पर अनुदान मिल रहा है। इसमें हैप्पी सीडर, सुपर सीडर, बेलर और कई अन्य यंत्र शामिल हैं।
GB Pant University Research: 10 साल की मेहनत से वैज्ञानिकों ने एंटीबैक्टीरियल प्लास्टिक विकसित किया, जो स्वास्थ्य व खाद्य क्षेत्र के लिए गेमचेंजर साबित हो सकता है।
रियासी की महिला किसान अनीता कुमारी ने HADP योजना के तहत हाई डेंसिटी आम की खेती कर अब तक ₹1.5 लाख की कमाई की। आधुनिक तकनीक, सरकारी सहायता और मेहनत ने उन्हें न केवल आत्मनिर्भर बनाया, बल्कि वह गांव की अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई हैं।
मध्य प्रदेश के बुरहानपुर के दिलावेज़ हुसैन ने पर्यावरण के अनुकूल व्यवसाय चुना है। वो केले के रेशे से कपड़ा बना रहे हैं। ये कपड़ा न सिर्फ़ पूरी तरह प्राकृतिक और स्किन-फ़्रेंडली है, बल्कि फ़ैशन और निर्यात के क्षेत्र में भी अपनी पहचान बना रहा है।
कश्मीर की ज़मीन पर विदेशी सब्ज़ियों की खेती ने दस्तक दी है। शोपियां के ग़ुलाम मोहम्मद मीर ने पुलवामा में ब्रोकली, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, चाइनीज़ गोभी और केल की खेती कर मिसाल पेश की है। किसान उनके फ़ार्म को देखने और उनसे सीखने भी आते हैं।
बेंगलुरु में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के तहत किसानों से संवाद किया। ड्रैगन फ्रूट और टमाटर की खेती में किसानों की बढ़ती भागीदारी और बाज़ार तक उनकी पहुंच पर विशेष चर्चा की।
प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने खरीफ़ विपणन सीज़न 2025-26 के लिए 14 फसलों के MSP में वृद्धि को मंजूरी दी है। सबसे ज़्यादा बढ़ोतरी रामतिल, रागी, तिल और कपास के न्यूनतम समर्थन मूल्य में की गई है ताकि किसानों को लाभकारी मूल्य मिल सके।
पशुधन के गोबर से बायोगैस प्लांट अब गांवों में रसोई गैस से लेकर बिजली उत्पादन तक का समाधान बन रहे हैं। जानिए इस टिकाऊ तकनीक के फायदे, उपयोग और ग्रामीण विकास में इसकी भूमिका।
लेहर ड्रोन (Leher Drones) से छिड़काव मैन्युअल छिड़काव विधियों की तुलना में ज़्यादा सटीक है। यह किसानों के हानिकारक रसायनों के संपर्क में आने को भी कम करता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत में शहद उत्पादन में हुई ‘Sweet Revolution’ की बात की। उन्होंने बताया कि जहां 10-11 साल पहले उत्पादन 70-75 हज़ारमीट्रिक टन होता था, वहीं अब ये बढ़कर करीब 1.25 लाख मीट्रिक टन हो चुका है यानी 60% की बढ़ोतरी।
समंदर से तालाब तक, भारत का मत्स्य पालन (Fish Farming) क्षेत्र ग्रामीण भारत की नई आशा बन रहा है। भारत का मत्स्य और तटीय क्षेत्र न केवल देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करता है, बल्कि लाखों ग्रामीण और तटीय परिवारों के लिए रोज़गार का मुख्य साधन भी है।
कृषि मंत्री हर सप्ताह दो दिन पदयात्रा करेंगे और प्रतिदिन करीब 25 किलोमीटर पैदल चलकर गांव-गांव जाएंगे। जानिए इस पदयात्रा से जुड़े अहम बिन्दु।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि त्रिपुरा की मछली उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर 2 लाख टन तक पहुंचाने का लक्ष्य है, जो राज्य की मांग (1.5 लाख टन) से अधिक है। इसका उद्देश्य मछली निर्यात की दिशा में त्रिपुरा को अग्रणी बनाना है।
इस एक्वा पार्क को प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के तहत बनाया जा रहा है। इसमें ₹42.4 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। ये केंद्र पूरी तरह से आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा।
गर्मी के दिनों में पशुपालन एक चुनौती बन जाता है। इस लेख में जानिए हीट स्ट्रेस से पशुओं की रक्षा कैसे करें और उत्पादन में गिरावट से कैसे बचें।
जानिए जून-जुलाई में खेतों की तैयारी और बुआई के लिए ज़रूरी कृषि यंत्र कौन-कौन से हैं और इन पर मिलने वाली सरकारी सब्सिडी का लाभ।
मछली पालन (Fish Farming In Monsoon) में सफलता पाने के लिए तालाबों की समय पर सफाई और उचित तैयारी बहुत जरूरी होती है, खासकर मानसून में मछली पालन के लिए। मानसून के दौरान पानी का स्तर बढ़ता है और वातावरण में कई बदलाव होते हैं, जो मछलियों के स्वास्थ्य और उत्पादन को प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए, मानसून से पहले तालाबों की सफाई और मछली पालन की तैयारी करना आवश्यक है। आइए जानते हैं कि इस कार्य को कैसे सही तरीके से किया जाए।
जानें, इन टॉप 5 ट्रैक्टर्स के फीचर्स और कीमत। इस लेख में टॉप 5 45 HP ट्रैक्टर के फीचर्स, स्पेसिफिकेशन, कीमत और परफॉर्मेंस की जानकारी मिलेगी, जिससे किसानों को अपने लिए सही ट्रैक्टर चुनने में मदद मिलेगी।