Livestock Care: गर्मी में पशुओं की देखभाल कैसे करें? Dehydration और Heat Stress से बचाव

डिहाइड्रेशन और हीट स्ट्रेस पशुओं के स्वास्थ्य और उत्पादकता को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकते हैं। इनसे दूध उत्पादन में कमी, रोग प्रतिरोधक क्षमता में गिरावट और यहां तक कि मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है। उचित प्रबंधन के बिना, यह समस्या पशुपालकों को आर्थिक रूप से भी भारी नुकसान पहुंचा सकती है। जानिए कौनसे तरीकों से आप इससे पशुओं का बचाव कर सकते हैं

Livestock Care: गर्मी में पशुओं की देखभाल कैसे करें? Dehydration और Heat Stress से बचाव

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गर्मी में पशुओं की देखभाल नहीं होने से पशुओं (Livestock Care) को शरीर में पानी की कमी (Dehydration) और हीट स्ट्रेस (Heat Stress) का सामना करना पड़ता है। इससे उनकी सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जिससे दूध उत्पादन में कमी, प्रजनन समस्याएं और अन्य बीमारियां हो सकती हैं। इस लेख में, हम पशुओं को जलहीनता और हीट स्ट्रेस से बचाने के लिए प्रभावी उपायों पर चर्चा करेंगे।

जलहीनता और हीट स्ट्रेस के लक्षण (Symptoms of Dehydration & Heat Stress)

गर्म मौसम में पशुओं में जलहीनता और हीट स्ट्रेस के लक्षण स्पष्ट रूप से देखे जा सकते हैं। इन लक्षणों को समय रहते पहचानना बहुत आवश्यक होता है ताकि उचित उपचार और देखभाल की जा सके।

जलहीनता के प्रमुख लक्षण (Major Symptoms of Dehydration)

  • त्वचा का ढीला पड़ना और लोच का कम होना
  • कम थूक उत्पादन और मुंह का सूखापन
  • आंखों और नाक का सूखापन
  • पेशाब में कमी और गहरे रंग का पेशाब
  • भूख की कमी और सुस्ती
  • दूध उत्पादन में कमी

हीट स्ट्रेस के प्रमुख लक्षण (Major Symptoms of Heat Stress)

  • अत्यधिक हांफना और तेज सांस लेना
  • लार टपकना और शरीर में असामान्य गर्मी
  • अधिक समय तक लेटे रहना और सुस्ती
  • दूध उत्पादन में गिरावट
  • पानी पीने की इच्छा बढ़ जाना
  • चारा खाने में रुचि की कमी

डिहाइड्रेशन और हीट स्ट्रेस से बचाव के उपाय (Preventive Measures for Dehydration & Heat Stress)

डिहाइड्रेशन और हीट स्ट्रेस पशुओं के स्वास्थ्य और उत्पादकता को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकते हैं। इनसे दूध उत्पादन में कमी, रोग प्रतिरोधक क्षमता में गिरावट और यहां तक कि मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है। उचित प्रबंधन के बिना, यह समस्या पशुपालकों को आर्थिक रूप से भी भारी नुकसान पहुंचा सकती है। जानिए कौनसे तरीकों से आप इससे पशुओं का बचाव कर सकते हैं।

1. ताजे और स्वच्छ पानी की उपलब्धता (Availability of Fresh & Clean Water)

पशुओं को हमेशा स्वच्छ और ठंडा पानी उपलब्ध कराना चाहिए। गर्मी के मौसम में पानी की कमी से पशुओं का शरीर जल्दी डिहाइड्रेट हो सकता है। पशुओं को कम से कम दिन में दो से तीन बार ताजे पानी की आपूर्ति करनी चाहिए।

2. हरे चारे की आपूर्ति (Supply of Green Fodder)

हरी घास और रसदार चारे को आहार में शामिल करें। यह शरीर में पानी की मात्रा बनाए रखने में मदद करता है और पशुओं को पर्याप्त पोषण भी प्रदान करता है। विशेष रूप से गर्मी के मौसम में चारे में नमी बनाए रखना आवश्यक होता है।

3. ठंडी छाया और वेंटिलेशन (Cool Shade & Ventilation)

गर्मी से बचाने के लिए पशुओं को छायादार स्थानों पर रखें। पशुशाला को हवादार बनाए रखना चाहिए ताकि अंदरूनी तापमान कंट्रोल रहे। इसके लिए पंखों और वॉटर स्प्रिंकलर का उपयोग किया जा सकता है।

4. समयानुसार चारा खिलाना (Timely Feeding Schedule)

गर्मी में पशुओं को सुबह और शाम के ठंडे समय में ही चारा खिलाएं ताकि वे गर्मी के प्रभाव से बच सकें। दोपहर के समय अत्यधिक चारा खिलाने से उनके शरीर में गर्मी बढ़ सकती है।

5. इलेक्ट्रोलाइट्स और मिनरल सप्लीमेंट्स (Electrolytes & Mineral Supplements)

पशुओं को इलेक्ट्रोलाइट्स और खनिजों का घोल दें ताकि उनके शरीर में जल संतुलन बना रहे। यह पशुओं को अत्यधिक गर्मी के कारण उत्पन्न थकान और कमजोरी से बचाने में सहायक होता है।

6. अत्यधिक कार्य से बचाव (Avoiding Excessive Workload)

गर्मी के मौसम में पशुओं पर अत्यधिक कार्य का दबाव न डालें। उन्हें दिन के सबसे गर्म समय में आराम करने दें और अत्यधिक शारीरिक गतिविधि से बचाएँ।

7. हीट स्ट्रेस को कम करने के लिए नहलाना (Bathing to Reduce Heat Stress)

पशुओं को दिन में दो बार पानी से नहलाने से उनके शरीर का तापमान कम होता है और वे आराम महसूस करते हैं। यह विशेष रूप से भैंसों के लिए अत्यधिक लाभकारी होता है क्योंकि वे गर्मी को कम सहन कर पाती हैं।

8. आहार में संतुलन बनाए रखें (Maintaining Balanced Diet)

पशुओं के आहार में उचित पोषण बनाए रखना आवश्यक होता है। गर्मी के मौसम में प्रोटीन युक्त आहार कम और ऊर्जा युक्त आहार अधिक देना चाहिए। साथ ही, नमक और खनिज मिश्रण भी आहार में जोड़ना चाहिए।

9. पशुओं के लिए कृत्रिम ठंडक प्रणाली (Artificial Cooling Systems for Livestock)

जहाँ संभव हो, वहाँ कृत्रिम शीतलन प्रणाली जैसे कि कूलर, फॉगर्स और स्प्रिंकलर सिस्टम का उपयोग करें ताकि पशुओं को राहत मिल सके।

10. पशुओं के स्वास्थ्य की नियमित जांच (Regular Health Check-ups for Livestock)

गर्मी के दिनों में पशुओं के स्वास्थ्य की नियमित रूप से जांच करें। यदि किसी पशु में हीट स्ट्रेस या जलहीनता के लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क करें।

गर्मी में पशुओं की देखभाल क्यों है जरूरी? (Why Care For Animals In Summer?)

गर्मियों में पशुओं को जलहीनता और हीट स्ट्रेस से बचाने के लिए उपयुक्त उपाय अपनाना आवश्यक है। पानी, छाया, हरा चारा और खनिजों की पर्याप्त आपूर्ति से पशुओं को स्वस्थ और उत्पादक बनाए रखा जा सकता है। इन उपायों को अपनाकर पशुपालक अपने पशुओं को गर्मी से सुरक्षित रख सकते हैं और उनके स्वास्थ्य एवं उत्पादन में सुधार कर सकते हैं।

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