सेब की खेती में प्राकृतिक खेती का रास्ता अपना रहे हिमाचल के प्रगतिशील किसान जीत सिंह
प्राकृतिक खेती (Natural Farming) अपनाकर हिमाचल के किसान जीत सिंह ने सेब उत्पादन में बढ़ोतरी की और ख़र्च भी घटाया।
प्राकृतिक खेती (Natural Farming) अपनाकर हिमाचल के किसान जीत सिंह ने सेब उत्पादन में बढ़ोतरी की और ख़र्च भी घटाया।
राजस्थान का सांचौर क्षेत्र (Sanchore Area Of Rajasthan ) के किसानों ने पारंपरिक खेती को छोड़कर आम की बागवानी (Mango Horticulture) को अपनाया है
सेब और कीवी की खेती ने उत्तराखंड की सविता रावत को आत्मनिर्भर बनाया, जिससे ग्रामीण आजीविका और रिवर्स माइग्रेशन को बल मिला।
क्या आप जानते हैं कि आम की फ़सल (Mango Cultivation) भारत में 5,000 साल पहले शुरू हुई थी? और आज भी दुनिया के लगभग 50 फीसदी आम भारत में ही उगाए जाते हैं। हर साल 22 जुलाई को राष्ट्रीय आम दिवस (National Mango Day 2025) मनाया जाता है।
बाड़मेर में खजूर की खेती से किसानों की आमदनी में हुआ ज़बरदस्त इज़ाफ़ा, मेडजूल जैसी क़िस्मों से बदली रेगिस्तान की क़िस्मत।
अनूप सिंह बताते हैं कि ‘उनके भाई के ससुरालवालों ने सलाह दी थी कि आप अमरूद की खेती करो। इसके बाद वहां से अमरूद लाकर यहां पर लगाया। उन्होंने बताया की 1000 अमरूद के पेड़ लगाए। अब एक हजार पेड़ों साल में दो बार फ़ल देते हैं।
जैविक खेती अपनाकर विट्ठल गुरुजी ने कमाया करोड़ों का मुनाफ़ा और बन गए बुरहानपुर के किसानों के लिए प्रेरणा।
सूरज तिवारी एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी करने के बावजूद (The mechanical engineer who became Lucknow’s ‘Mango King’) ने खेती और फ़लों के व्यवसाय को चुना और आज वे आम, अमरूद, लीची और आंवले की खेती से लाखों का टर्न ओवर कमा रहे हैं।
सुपरफ्रूट सी-बकथॉर्न (Superfruit Sea Buckthorn) से भरपूर पोषण और रोज़गार के नए अवसर, लद्दाख-हिमाचल में खेती से बदल रही किसानों की ज़िंदगी।
हंसराज नखत पूरी तरह से नेचुरल और ऑर्गेनिक खेती (Natural and organic farming) करके न सिर्फ अच्छी पैदावार ले रहे हैं, बल्कि मिट्टी की सेहत भी बना रहे हैं। उनकी ये कोशिश केवल उनके खेत तक सीमित नहीं है, बल्कि वे पूरे क्षेत्र के किसानों के लिए एक मिसाल बन चुके हैं।
जामुन की क़िस्म गोमा प्रियंका (Jamun Variety Goma Priyanka) किसानों के लिए बेहतर विकल्प है, कम पानी में ज़्यादा पैदावार और बढ़िया मुनाफ़ा देती है।
बुंदेलखंड के झांसी की युवा किसान गुरलीन चावला के स्ट्रॉबेरी की खेती (strawberry cultivation) की चर्चा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मन की बात कार्यक्रम में भी कर चुके हैं।
आज केले (Banana) की खेती 150 से अधिक देशों में होती है, जहां हर साल लगभग 105 मिलियन टन उत्पादन होता है। स्थानीय उपभोग के लिए उगाए जाने वाले केले आमतौर पर पारंपरिक तरीकों से उगाए जाते हैं। वहीं, कैवेंडिश जैसी मीठी किस्में वैश्विक दक्षिण के कई देशों के लिए आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण हैं, जिनका वार्षिक उत्पादन लगभग 43 मिलियन टन है।
पॉलीहाउस में स्ट्रॉबेरी और शिमला मिर्च की खेती कर रही रीना सिंह ने आधुनिक तकनीक से बागवानी को बनाया लाभदायक व्यवसाय।
राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र (NRCM), दरभंगा मखाने की खेती (Makhana cultivation) को बढ़ावा दे रहा है, जिससे यह किसानों के लिए लाभकारी व्यवसाय बन चुका है।
इंद्रजीत सिंह ने टिश्यू कल्चर तकनीक से केले की खेती में सुधार किया और अपनी आमदनी बढ़ाई। जानिए कैसे यह उन्नत तकनीक उनकी खेती को लाभकारी बना रही है।
बेर की खेती (Plum Farming) से मुनाफ़ा कमाने के लिए नीरज नागपाल की प्रेरणादायक कहानी, जिसमें उन्होंने उन्नत बेर क़िस्मों के जरिए सफलता हासिल की।
सबसे पहले आम के फूलों और डंठलों पर छोटे भूरे या काले धब्बे के रूप में दिखाई देते हैं। अगर सही समय पर किसान इस रोग का उपचार नहीं करते हैं तो ये फूल धीरे-धीरे मुरझानें लगते हैं और सूख कर गिर जाते हैं। इस कारण फसल का उत्पादन कम हो जाता है। ये रोग ज्यादा पानी भरने, नमी और आद्र मौसम में सबसे तेजी से फैलता है, खासकर जब तापमान 25 से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच हो।
केले के साथ मशरूम की खेती (Mushroom Cultivation with Banana) से किसान अतिरिक्त आय कमा सकते हैं और केले के अपशिष्ट का बेहतर उपयोग कर सकते हैं।
स्ट्रॉबेरी की खेती (Strawberry Cultivation) धैर्य और कड़ी मेहनत मांगती है। सबसे बड़ी चुनौती अनिश्चित मौसम है, विशेष रूप से असमय बारिश जो फ़सल को नुक़सान पहुंचा सकती है।