राजस्थान के बाड़मेर जिले में खजूर की खेती बनी हरियाली और आमदनी का ज़रिया
बाड़मेर में खजूर की खेती से किसानों की आमदनी में हुआ ज़बरदस्त इज़ाफ़ा, मेडजूल जैसी क़िस्मों से बदली रेगिस्तान की क़िस्मत।
बाड़मेर में खजूर की खेती से किसानों की आमदनी में हुआ ज़बरदस्त इज़ाफ़ा, मेडजूल जैसी क़िस्मों से बदली रेगिस्तान की क़िस्मत।
अनूप सिंह बताते हैं कि ‘उनके भाई के ससुरालवालों ने सलाह दी थी कि आप अमरूद की खेती करो। इसके बाद वहां से अमरूद लाकर यहां पर लगाया। उन्होंने बताया की 1000 अमरूद के पेड़ लगाए। अब एक हजार पेड़ों साल में दो बार फ़ल देते हैं।
जैविक खेती अपनाकर विट्ठल गुरुजी ने कमाया करोड़ों का मुनाफ़ा और बन गए बुरहानपुर के किसानों के लिए प्रेरणा।
सूरज तिवारी एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी करने के बावजूद (The mechanical engineer who became Lucknow’s ‘Mango King’) ने खेती और फ़लों के व्यवसाय को चुना और आज वे आम, अमरूद, लीची और आंवले की खेती से लाखों का टर्न ओवर कमा रहे हैं।
सुपरफ्रूट सी-बकथॉर्न (Superfruit Sea Buckthorn) से भरपूर पोषण और रोज़गार के नए अवसर, लद्दाख-हिमाचल में खेती से बदल रही किसानों की ज़िंदगी।
हंसराज नखत पूरी तरह से नेचुरल और ऑर्गेनिक खेती (Natural and organic farming) करके न सिर्फ अच्छी पैदावार ले रहे हैं, बल्कि मिट्टी की सेहत भी बना रहे हैं। उनकी ये कोशिश केवल उनके खेत तक सीमित नहीं है, बल्कि वे पूरे क्षेत्र के किसानों के लिए एक मिसाल बन चुके हैं।
जामुन की क़िस्म गोमा प्रियंका (Jamun Variety Goma Priyanka) किसानों के लिए बेहतर विकल्प है, कम पानी में ज़्यादा पैदावार और बढ़िया मुनाफ़ा देती है।
बुंदेलखंड के झांसी की युवा किसान गुरलीन चावला के स्ट्रॉबेरी की खेती (strawberry cultivation) की चर्चा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मन की बात कार्यक्रम में भी कर चुके हैं।
आज केले (Banana) की खेती 150 से अधिक देशों में होती है, जहां हर साल लगभग 105 मिलियन टन उत्पादन होता है। स्थानीय उपभोग के लिए उगाए जाने वाले केले आमतौर पर पारंपरिक तरीकों से उगाए जाते हैं। वहीं, कैवेंडिश जैसी मीठी किस्में वैश्विक दक्षिण के कई देशों के लिए आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण हैं, जिनका वार्षिक उत्पादन लगभग 43 मिलियन टन है।
पॉलीहाउस में स्ट्रॉबेरी और शिमला मिर्च की खेती कर रही रीना सिंह ने आधुनिक तकनीक से बागवानी को बनाया लाभदायक व्यवसाय।
राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र (NRCM), दरभंगा मखाने की खेती (Makhana cultivation) को बढ़ावा दे रहा है, जिससे यह किसानों के लिए लाभकारी व्यवसाय बन चुका है।
इंद्रजीत सिंह ने टिश्यू कल्चर तकनीक से केले की खेती में सुधार किया और अपनी आमदनी बढ़ाई। जानिए कैसे यह उन्नत तकनीक उनकी खेती को लाभकारी बना रही है।
बेर की खेती (Plum Farming) से मुनाफ़ा कमाने के लिए नीरज नागपाल की प्रेरणादायक कहानी, जिसमें उन्होंने उन्नत बेर क़िस्मों के जरिए सफलता हासिल की।
सबसे पहले आम के फूलों और डंठलों पर छोटे भूरे या काले धब्बे के रूप में दिखाई देते हैं। अगर सही समय पर किसान इस रोग का उपचार नहीं करते हैं तो ये फूल धीरे-धीरे मुरझानें लगते हैं और सूख कर गिर जाते हैं। इस कारण फसल का उत्पादन कम हो जाता है। ये रोग ज्यादा पानी भरने, नमी और आद्र मौसम में सबसे तेजी से फैलता है, खासकर जब तापमान 25 से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच हो।
केले के साथ मशरूम की खेती (Mushroom Cultivation with Banana) से किसान अतिरिक्त आय कमा सकते हैं और केले के अपशिष्ट का बेहतर उपयोग कर सकते हैं।
स्ट्रॉबेरी की खेती (Strawberry Cultivation) धैर्य और कड़ी मेहनत मांगती है। सबसे बड़ी चुनौती अनिश्चित मौसम है, विशेष रूप से असमय बारिश जो फ़सल को नुक़सान पहुंचा सकती है।
चित्तौड़गढ़ के आशीष ने बताया कि उन्होंने 2014 से नर्सरी की शुरुआत की थी। इस नर्सरी में अमरूद की उन्नत किस्मों पर काम करते हैं। अमरुद आज वर्तमान स्थिति में सबसे ज़्यादा बिकने वाला फल है। अमरूद की खेती किसी भी क्षेत्र में की जा सकती है। जानिए अमरूद की खेती से जुड़ी अहम बातों के बारे में।
स्ट्रॉबेरी ठंडे इलाके की फसल है और आमतौर पर हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और कश्मीर में इसकी खूब खेती होती है। हिमाचल प्रदेश के पालमपुर की एक महिला किसान ने घर से ही स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू की। अब अपने इलाके की सफल स्ट्रॉबेरी उत्पादक बन गई हैं।
भारत में ढेर सारी बागवानी फसलों की खेती की जाती है, इसमें से एक महत्वपूर्ण फसल है पपीता। पपीते की खेती से किसानों को अधिक आमदनी हो इसके लिए विशेषज्ञ पीपते के मूल्य संवर्धन उत्पादन बनाने की सलाह देते हैं।
पपीते की पौध (Papaya Plant): आज इस रिपोर्ट में हम आपको बताएंगे कि कैसे गांव में रहने वाले एक व्यक्ति