शेखावाटी के किसानों ने पारंपरिक खेती छोड़ अपनाई पॉलीहाउस में खेती की तकनीक
पॉलीहाउस में खेती से किसान कमा रहे लाखों, सरकार दे रही अनुदान और ड्रिप सिस्टम से हो रही जल बचत, जानिए पूरी कहानी।
पॉलीहाउस में खेती से किसान कमा रहे लाखों, सरकार दे रही अनुदान और ड्रिप सिस्टम से हो रही जल बचत, जानिए पूरी कहानी।
ब्रोकली की खेती में Integrated Nutrient Management और Mini Sprinkler System से मिज़ोरम के किसानों को मिली उन्नत पैदावार और बेहतर आमदनी।
पर्माकल्चर (Permaculture) और टेरेस गार्डनिंग से अमनिंदर नागरा ने अपने खेत को बनाया हरियाली का प्रतीक और गांव को दिया आत्मनिर्भरता का रास्ता।
आगरा ज़िले के सिंगरा में अंतर्राष्ट्रीय आलू केंद्र (CIP) के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र की स्थापना (International Potato Center To Be Built In Agra) को मंज़ूरी दे दी है। ये फैसला भारतीय कृषि के लिए एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है
मशरूम की खेती ने गांव की महिलाओं को सशक्त बनाया है और कम लागत में आत्मनिर्भर बनने का अवसर दिया है।
हल्दी की खेती और मशरूम की खेती से उत्तराखंड के हरीश सजवान ने अच्छी आय अर्जित कर खेती को बनाया मुनाफ़े का ज़रिया।
मशरूम की खेती (Mushroom Cultivation) से आत्मनिर्भर बनीं रिंकुराज मीना की सच्ची कहानी जानिए जो खेती को बना रही हैं युवाओं के लिए प्रेरणा।
ये प्लांट न सिर्फ भारत का सबसे बड़ा फ्रोज़न आलू प्रोसेसिंग प्लांट (India’s largest frozen potato processing plant)है, बल्कि ये देश को ग्लोबल फ्रोज़न फूड मैन्युफैक्चरिंग हब (Global Frozen Food Manufacturing Hub) बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम भी है।
बिहार सरकार (Bihar Government) ने सब्जियों की खेती (Subsidy In Vegetable Farming) करने वाले किसानों को 75 फीसदी तक की सब्सिडी देने की योजना की शुरूआत की है।
जानिए आपके खेत के लिए सबसे उपयुक्त सरसों की क़िस्म (Mustard Variety) कैसे चुनें और बढ़ाएं फ़सल की पैदावार, पढ़ें पूरी जानकारी।
सरसों के बीज (Mustard Seed) के बेहतर अंकुरण के लिए सही मिट्टी चयन, खेत की तैयारी और बुआई विधि अपनाएं और फसल में शानदार बढ़ोतरी पाएं।
घर पर सरसों के बीज (Mustard Seed) की गुणवत्ता की जांच के आसान तरीके जानें और मिलावट से बचें, शुद्ध बीज से स्वास्थ्य बनाएं।
नर्सरी उत्पादन (Vegetable Nursery Guide) किसी भी हरे-भरे उद्यान या लैंडस्केप ( Landscape) की मजबूत नींव होता है। इसमें सही पौधों का चुनाव, प्रसार की विधियों में दक्षता और नर्सरी के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करना शामिल है। सब्ज़ी उत्पादन में गुणवत्ता बढ़ाने और उपज में बढ़ोत्तरी के लिए नर्सरी की तैयारी एक अहम स्टेप है। अच्छी तरह से तैयार की गई नर्सरी से उपजाऊ पौध तैयार होती है जो आगे चलकर बेहतर फसल देती है।
औषधीय गुणों से भरपूर कंटोला की खेती (Kantola Ki Kheti) अब एक लाभदायक व्यवसाय बन रही है, जो कम लागत में अधिक मुनाफा और लंबी उपज की गारंटी देती है।
कंटोला की फसल में रोग और कीट नियंत्रण (Disease and pest control in Kantola crop)के लिए सतत निगरानी, उचित कृषि पद्धतियां, जैविक और रासायनिक नियंत्रण का संतुलित उपयोग अत्यंत आवश्यक है। सरकारी संस्थानों द्वारा दी गई सिफारिशों का पालन कर किसान अधिक उपज और बेहतर गुणवत्ता प्राप्त कर सकते हैं।
सब्जी उत्पादन में नर्सरी का विशेष योगदान होता है क्योंकि ज़्यादातार सब्जियों की बीज बुवाई सीधे खेत में नहीं होती
निम त्शेरिंग लेपचा की अदरक की खेती (Ginger Cultivation) से प्रेरित नंदोक-नैतम गांव के किसान जैविक खेती से आय बढ़ा रहे हैं, जिससे उनकी ज़िंदगी में बदलाव आया है।
नैनीताल के ललितपुर जिले के किसान खेम सिंह ने नए उद्यम के रूप में मशरूम उत्पादन (Mushroom Production) शुरू किया और अब वह एक सफल मशरूम उत्पादक बन गए हैं। मशरूम उत्पादन से न सिर्फ उनकी आमदनी में इज़ाफा हुआ, बल्कि परिवार की पोषण संबंधी ज़रूरत भी पूरी हुई।
यहां पर एक ऐसे युवा किसान के बारें में बताने जा रहे हैं जिसने न केवल अपना जीवन बदला बल्कि एक पूरे समुदाय की किस्मत में नया उजाला भर दिया गया। जलाशय कार्यक्रम यानि Watershed Programme ने क्षेत्र में ऐसा परिवर्तनकारी काम किया जिसने साधु मारी के जीवन में चमत्कारिक बदलाव ला दिया।
चाउ चाउ का वैज्ञानिक नाम सेचियम एडुले है। इस बेलदार पौधे की शुरुआत मैक्सिको और ग्वाटेमाला में हुई थी, लेकिन आज यह अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका, चीन और दक्षिण-एशियाई देशों में अपनी धाक जमा चुका है। भारत के पहाड़ी इलाकों में, विशेष रूप से तमिलनाडु की सिरुमलाई पहाड़ियों में, चाउ चाउ की खेती बड़े पैमाने पर होती है।