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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उत्तर प्रदेश के आगरा ज़िले के सिंगरा में अंतर्राष्ट्रीय आलू केंद्र (CIP) के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र की स्थापना (International Potato Center To Be Built In Agra) को मंज़ूरी दे दी है। ये फैसला भारतीय कृषि के लिए एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है, जो न सिर्फ आलू की उत्पादकता बढ़ाएगा बल्कि किसानों की आय को भी दोगुना करने में मदद करेगा। बता दें कि केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Union Agriculture Minister Shivraj Singh Chouhan) ने ये बड़ी खुशख़बरी दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi ) की अध्यक्षता में ये फैसला लिया गया है।
भारत में आलू की क्रांति: क्यों ज़रूरी है ये केंद्र?
आलू, गेहूं और चावल के बाद भारत की तीसरी सबसे महत्वपूर्ण फ़सल है। चीन के बाद भारत दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा आलू उत्पादक देश है, लेकिन अभी भी हमारे देश में मुख्य रूप से टेबल वैरायटी (खाने वाले आलू) का ही प्रोडक्शन होता है। जबकि निर्यात बाजार में प्रोसेस्ड आलू (चिप्स, फ्रेंच फ्राइज, स्टार्च वाले आलू) की मांग ज्यादा है। इसलिए, इस नए केंद्र के जरिए हाई-क्वालिटी, प्रोसेसिंग (High-quality, processing) योग्य और जलवायु-अनुकूल आलू की किस्में (Potato Varieties) विकसित की जाएंगी।
क्या होगा इस केंद्र में खास?
जर्म प्लाज़्म बैंक: यहां आलू की दुर्लभ और उन्नत किस्मों का जीन संग्रह होगा, जिससे अधिक उपज देने वाले, रोग प्रतिरोधी बीज तैयार किए जाएंगे।
जलवायु-अनुकूल आलू: गर्मी, सूखा और कीटों को झेलने वाली नई किस्में विकसित की जाएंगी।
बायोफोर्टिफाइड आलू: ऐसी किस्में जिनमें अधिक पोषण (विटामिन, आयरन, जिंक) होगा।
डायबिटीज फ्रेंडली आलू: मधुमेह रोगी भी आलू खा सकें, इसके लिए लो-ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाली वैरायटी बनाई जाएगी।
दक्षिण भारत के लिए विशेष किस्में: अभी आलू का उत्पादन उत्तर भारत (UP, पंजाब, पश्चिम बंगाल) में ज्यादा होता है, लेकिन इस केंद्र के जरिए विंध्याचल के दक्षिणी राज्यों (कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश) के लिए भी उपयुक्त किस्में विकसित की जाएंगी।
आगरा ही क्यों?
- उत्तर प्रदेश, भारत का सबसे बड़ा आलू उत्पादक राज्य है, जहां 34 फीसदी आलू पैदा होता है।
- आगरा और आसपास के इलाके आलू उत्पादन में सबसे आगे है।
- यहां की मिट्टी और जलवायु आलू अनुसंधान के लिए आदर्श है।
- दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे और यमुना एक्सप्रेसवे से जुड़ा होने के कारण लॉजिस्टिक्स सुविधा बेहतर है।
किसानों को क्या फायदा?
- उन्नत किस्मों के बीज मिलेंगे, जिससे उत्पादन 20-30 फीसदी तक बढ़ेगा।
- निर्यात के लिए प्रोसेस्ड आलू की खेती से किसानों की आय में बढोतरी होगी।
- कम पानी और कम कीटनाशक वाली किस्में विकसित होंगी, जिससे खेती की लागत घटेगी।
- शकरकंद जैसी दूसरी कंदीय फसलों पर भी शोध होगा।
भारत का कंट्रोल, देश को फायदा
शिवराज सिंह चौहान ने साफ किया कि इस केंद्र में विकसित सभी किस्मों पर भारत सरकार का पूरा अधिकार होगा। एक समन्वय समिति भी बनेगी, जिसमें कृषि सचिव और ICAR के वैज्ञानिक शामिल होंगे, ताकि रिसर्च का पूरा फायदा भारत के किसानों को मिल पाए।
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