Agriculture Bill: कृषि कानून: केंद्र सरकार के द्वारा नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन के बीच सोमवार को धान के फसल की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद के आंकड़े जारी किया गया है। जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक पिछले 48 घंटों में 10.53 करोड़ रुपए के धान की एमएसपी पर खरीद की गई है।
सरकार ने दिया किसानों को आश्वासन, परेशान होने की जरूरत नहीं
नए कृषि कानून में धान के खरीद के इन सरकारी आंकड़ों को जारी करके सरकार यह संदेश देना चाहती है कि अब एमएसपी को खत्म नहीं किया जाएगा और यह पहले के तरह ही जारी रहेगी। बता दें कि सरकार ने इस साल धान की फसलों के साथ-साथ दाल और तिलहनों (तिल, सरसों, मूँगफली, सोया और सूरजमुखी) के फसलों की खरीद के लिए भी खासा व्यवस्था की है।
देश के कई राज्यों में इस नए कृषि कानून को लेकर किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं क्योंकि उनका मानना है कि नए कानून को लागू करने के बाद फसलों के खरीद का पूरी काम निजी कंपनियों के हवाले हे जाएगा और एमएसपी व्यवस्था समाप्त हो जाएगी। हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों के किसान इस कानून से नाखुश हैं और वो लगातार इसका विरोध कर रहे हैं।
केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने अपने द्वारा जारी बयान में कहा, ‘हरियाणा और पंजाब के किसानों से 27 सितंबर तक 1,868 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी के हिसाब से 5,637 टन धान की खरीद की गई है जबकि शेष राज्यों में धान की खरीद आज से शुरू हो गई है।’ मंत्रालय ने पिछले 48 घंटों में हरियाणा और पंजाब के 390 किसानों से 10.53 करोड़ रुपये के धान के खरीद की बात भी कहा।
सत्र 2020-21 के लिए शुरू हो चुकी है फसलों की खरीद-बिक्री
धान के खरीद बिक्री का काम 26 सितंबर से शुरू हो चुका है, यह खरीद विपणन सत्र 2020-21 के तहत की जा रही है। जानकारी के मुताबिक सरकार ने विपणन सत्र 2020-21 में खरीफ के दौरान 495.37 लाख टन धान के खरीद का लक्ष्य रखा है। अब अगर धान के फसलों की छोड़ दें तो सरकार ने अपनी नोडल एजेंसियों के माध्यम से तमिलनाडु के 40 किसानों से 24 सितंबर तक 34.20 लाख टन मूंग को 25 लाख रुपये के एमएसपी पर खरीदा है।
सरकार ने कर्नाटक और तमिलनाडु से 5,089 टन नारियल, जिसकी एमएसपी मूल्य 52.40 करोड़ रुपए है, उसकी खरीद भी की है जिससे करीबन 3,961 किसानों को लाभ पहुंचा है। बता दें कि आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल जैसे राज्यों के लिए स्वीकृत मात्रा 95.75 लाख टन है।
विभिन्न राज्यों के प्रस्ताव के आधार पर, मंत्रालय के द्वारा कहा गया है कि उसने तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना और हरियाणा राज्यों से कुल 13.77 लाख टन तिलहन और खरीफ दालों की खरीद के लिए मंजूरी दे दी है। जानकारी के मुताबिक वर्ष 2020-21 के सत्र के लिए कपास की खरीद अक्टूबर महीने से शुरू की जाएगी।
किसानों के बाच जागरूक्ता फैलाने के लिए राज्यों को दिए गए दिशा-निर्देश
खाद्य मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा है कि एमएसपी दर पर धान की खरीद सोमवार से सभी शेष राज्यों में भी शुरू हो गई है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) और राज्यों की खरीद एजेंसियों को एमएसपी भुगतान सुनिश्चित करने और किसानों से परेशानी मुक्त खरीद करने के लिए कहा गया है।
राज्य सरकारों को निर्देश दिया गया है कि वे किसानों के बीच समान रूप से जागरूक्ता फैलाएं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके साथ ही किसानों को आश्वासन दिया जाए कि उन्हें उनकी उपज का उचित मूल्य मिलेगा और स्टॉक की किसी भी अस्वीकृति से पूरी तरह से बचा जा सके।
नए कृषि कानून पर जारी किए गए बयान में कहा गया है कि सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और एफसीआई को सलाह दी गई है कि इस वर्ष के दौरान खरीद का काम एकसमान विनिर्देशों के अनुसार कड़ाई से किया जाना चाहिए।