राजस्थान के बाड़मेर जिले में खजूर की खेती बनी हरियाली और आमदनी का ज़रिया
बाड़मेर में खजूर की खेती से किसानों की आमदनी में हुआ ज़बरदस्त इज़ाफ़ा, मेडजूल जैसी क़िस्मों से बदली रेगिस्तान की क़िस्मत।
बाड़मेर में खजूर की खेती से किसानों की आमदनी में हुआ ज़बरदस्त इज़ाफ़ा, मेडजूल जैसी क़िस्मों से बदली रेगिस्तान की क़िस्मत।
राजस्थान का बाड़मेर ज़िला हमेशा से ही पानी की किल्लत से जूझता रहा है। ऐसे में यहां खेती की संभावना बहुत कम है और ज्वार, बाजरा, मूंग, मोठ जैसी बस चुनिंदा फसलें ही उगाई जाती रही हैं, लेकिन अब टिशू कल्चर मेथड से खजूर की खेती के ज़रिए किसानों को अच्छी आमदनी हो रही है।
राजस्थान का बाड़मेर ज़िले के रहने वाले सदुलाराम चौधरी को पहले खजूर की खेती के बारे में जानकारी नहीं थी, लेकिन उन्हें खेती में नये-नये प्रयोग करना पसंद था। इसलिए उन्होंने साथी किसानों के मना करने बावजूद खजूर की खेती चुनी। आज उनसे गुरु मंत्र लेने दूर-दूर से किसान आते हैं।
राजस्थान के रहने वाले प्रगतिशील किसान अब्दुल रहमान ने किसान ऑफ़ इंडिया से बातचीत में खजूर की खेती को लेकर कई अहम साझा कीं। आइए आपको बताते हैं।