बिहार के धीरेन्द्र कुमार ने मखाने की खेती से पाई सफलता, जानिए उनकी कहानी
धीरेन्द्र कुमार ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में मखाने की खेती अपनाकर कृषि में नवाचार किया और स्थानीय किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने।
धीरेन्द्र कुमार ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में मखाने की खेती अपनाकर कृषि में नवाचार किया और स्थानीय किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने।
आनंद मिश्रा ने कृषि में नई तकनीक अपनाकर नींबू की बागवानी में सफलता हासिल की। उनकी प्रेरणादायक कहानी किसानों को बागवानी के जरिए आत्मनिर्भर बनने की राह दिखाती है।
महाराष्ट्र के नितिन चंद्रकांत गायकवाड द्वारा अपनाई गई जैविक खेती, जो किसानों को रासायनिक खेती छोड़कर प्राकृतिक तरीकों से खेती करने की प्रेरणा देती है।
मनेन्द्र सिंह तेवतिया ने कृषि में आधुनिक तकनीक अपनाकर पारंपरिक तरीकों से बेहतर उत्पादन प्राप्त किया, जिससे उन्होंने खेती में नई दिशा और सफलता हासिल की।
Global Soils Conference 2024 नई दिल्ली में आयोजित हुआ, जो 19 से 22 दिसंबर तक चलेगा, जहां मृदा प्रबंधन, जलवायु परिवर्तन और पारिस्थितिकी तंत्र पर चर्चा होगी।
संजीव कुमार की कहानी, संघर्ष और समर्पण का प्रतीक है। जैविक खेती के जरिए उन्होंने न केवल पारंपरिक तरीकों को छोड़ा, बल्कि एक नई दिशा की शुरुआत की।
आशुतोष प्रताप सिंह ने अपने गांव लौटकर कृषि में नई तकनीक और जैविक खेती अपनाकर अपनी खेती को सफल बनाया और आसपास के किसानों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बनें।
रूबी पारीक ने जैविक खेती के जरिए न केवल अपना जीवन बदला, बल्कि समाज के लिए स्वस्थ भविष्य की नींव रखी। उनकी कहानी संघर्ष और संकल्प की प्रेरणा है।
अनूप सोनी और सुमित सोनी ने मिलेट्स प्रोडक्ट्स (Millets Products) से बेकरी व्यवसाय शुरू किया, बाजरे से हेल्दी केक बनाकर स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा दिया।
रविंद्र मेटकर ने पोल्ट्री व्यवसाय और जैविक खेती से अपनी कठिनाइयों को मात दी और सफलता की नई मिसाल कायम की, जो आज कई किसानों के लिए प्रेरणा है।
उत्तराखंड की हेमा डंगवाल ने पहाड़ी इलाकों में मछलीपालन को एक सफल व्यवसाय में बदला, इस क्षेत्र में सफलता हासिल की और अन्य महिलाओं को भी जागरूक किया।
पंजाब के फ़िरोज़पुर जिले के छोटे से गांव में रहने वाले जगदीप सिंह ने पुलिस नौकरी छोड़कर डेयरी फ़ार्मिंग में सफलता हासिल कर एक नई पहचान बनाई है।
दिल्ली की वंदना जी ने खाद्य प्रसंस्करण (Food Processing) से पारंपरिक भारतीय स्वादों को नया रूप दिया और महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाएं।
बिहार की मीना कुशवाहा ने ऑयस्टर मशरूम की खेती से बनाई एक नई पहचान। उन्होंने महिलाओं को आत्मनिर्भरता का मार्ग दिखाया, पढ़ें उनकी प्रेरणादायक कहानी।
मोहनदीप सिंह, जिन्होंने इंजीनियरिंग छोड़कर गाजर की खेती में नई पहचान बनाई। उनकी कहानी मेहनत और जुनून की मिसाल है, जो सपनों को सच करने की प्रेरणा देती है।
नवीन मोहन राजवंशी की प्रेरक कहानी बताती है कि कैसे उन्होंने आधुनिक खेती अपनाकर उत्तर प्रदेश के गांव में बदलाव लाया है। उनका अनुभव किसानों के लिए प्रेरणा है।
जयपुर के गोविन्दपुर में मांगीलाल ने जोखिमों को पार कर पॉलीहाउस की खेती से नई राह बनाई, जहां परंपरागत किसानों से अलग जाकर उन्होंने सफलता का नया आयाम छू लिया।
पद्मश्री से सम्मानित तमिलनाडु की किसान पप्पामल (रंगम्मल) का 109 वर्ष की आयु में निधन हो गया। पीएम मोदी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया।
जानें पहाड़ी इलाकों में गहत की खेती के फ़ायदे, पोषण मूल्य और इसके अनोखे गुण। गहत, एक पौष्टिक दाल है और सेहत के लिए बेहद फ़ायदेमंद होती है।
मकड़ियां कभी भी फ़सलों को नुकसान नहीं पहुंचाती है बल्कि कृषि में मकड़ियों का महत्व होता है। साथ ही मकड़ियां पर्यावरण के स्वास्थ्य के सूचक भी होती हैं।