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महाराष्ट्र सरकार ने किसानों और पशुपालकों को एक बड़ी सौगात दी है। पशुपालन को कृषि का दर्जा (Animal husbandry gets agricultural Status) देकर राज्य ने न केवल किसानों के हित में ऐतिहासिक निर्णय लिया है, बल्कि पूरे देश को एक दिशा भी दी है। 11 जुलाई को कैबिनेट में इस प्रस्ताव को मंज़ूरी दी गई, जिसकी घोषणा राज्य की मंत्री पंकजा प्रज्ञा गोपीनाथ मुंडे ने विधानसभा में की।
अब पशुपालन भी होगा कृषि के समान (Now animal husbandry will also be like agriculture)
इस फैसले के तहत अब राज्य के सभी पशुपालकों को भी वही सभी सुविधाएं और योजनाओं का लाभ मिलेगा जो पारंपरिक खेती करने वाले किसानों को मिलता रहा है। पहले तक पशुपालन को कृषि का दर्जा (Animal husbandry gets agricultural Status) न मिलने के कारण बिजली, कर, ऋण और अन्य योजनाओं में पशुपालकों को कृषि क्षेत्र से अलग रखा जाता था।
अब यह भेद खत्म हो गया है। सरकार के निर्णय के बाद पशुपालकों को कृषि दर पर बिजली, ग्राम पंचायत टैक्स में छूट, किसान क्रेडिट कार्ड के तहत ऋण सुविधा, पंजाबराव देशमुख ब्याज राहत योजना और सौर पंप पर सब्सिडी जैसी तमाम सुविधाएं मिलेंगी।
पशुपालकों की आर्थिक स्थिति होगी मज़बूत (The economic condition of livestock farmers will be strong)
राज्य सरकार ने इस निर्णय को राज्य के सकल उत्पादन में पशुपालन के बढ़ते योगदान को देखते हुए लिया है। मंत्री मुंडे ने कहा कि इससे पशुपालकों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार के अवसर भी बढ़ेंगे। खास बात यह है कि इससे पहले सरकार मछली पालन को कृषि का दर्जा दे चुकी है, जिसका सकारात्मक असर देखने को मिला है।
लाभ किसे होगा? (Who will benefit?)
इस निर्णय से सबसे ज़्यादा लाभ डेयरी फार्मर्स, मुर्गी पालकों, भेड़-बकरी पालकों और सूअर पालकों को मिलेगा। अब इन सभी को कृषि क्षेत्र के तहत योजनाएं मिलेंगी। उदाहरण के लिए, 100 गाय-भैंस, 500 भेड़-बकरी या 200 सूअर पालने वाले फार्म अब उच्च “अन्य” श्रेणी में नहीं, बल्कि कृषि बिजली दर पर आएंगे।
इसके साथ ही अब पोल्ट्री फार्म, लेयर फार्म, हैचरी यूनिट्स को भी इस फैसले से राहत मिलेगी। उत्पादन बढ़ाने और एक्सपोर्ट के अवसर तलाशने के लिए यह कदम काफी अहम साबित होगा।
किसानों को मिलेगी नई योजनाएं (Farmers will get new schemes)
अब जब पशुपालन को कृषि का दर्जा (Animal husbandry gets agricultural Status) मिल गया है, तो किसानों को निम्नलिखित योजनाओं का लाभ मिलेगा:
- कृषि दर पर बिजली की आपूर्ति
- ग्राम पंचायत टैक्स में छूट
- किसान क्रेडिट कार्ड के तहत पशुपालन लोन
- पंजाबराव देशमुख ब्याज राहत योजना के तहत 4% तक ब्याज में छूट
- सौर पंप और सोलर इक्विपमेंट्स पर सब्सिडी
- बीमा और वित्तीय सहायता योजनाओं का विस्तार
ICAR और नीति आयोग की सिफारिशें हुई लागू (Recommendations of ICAR and NITI Aayog implemented)
यह फैसला केवल राज्य सरकार की सोच नहीं, बल्कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) और नीति आयोग की 2021 की रिपोर्ट में दी गई सिफारिशों पर आधारित है। रिपोर्ट में कहा गया था कि पशुधन क्षेत्र में वैज्ञानिक तरीके और योजनाबद्ध प्रयास होने चाहिए ताकि पशुपालकों के आर्थिक जोखिम को कम किया जा सके। अब जब पशुपालन को कृषि का दर्जा (Animal husbandry gets agricultural Status) मिल गया है, तो पशुपालक कृषि निवेश, तकनीकी सहायता, बीमा योजनाएं और वित्तीय सब्सिडी जैसी सुविधाओं के लिए पात्र हो जाएंगे।
अन्य राज्यों में भी उठी मांग (Demand arose in other states as well)
पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष रनपाल ढांढा ने महाराष्ट्र सरकार के इस निर्णय की सराहना की है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय पोल्ट्री और पशुपालन क्षेत्र को प्रोत्साहित करेगा और अन्य राज्यों को भी इससे सीख लेकर ऐसा ही कदम उठाना चाहिए। उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस फैसले से भारत में पोल्ट्री उत्पादन और निर्यात की संभावनाएं और भी बढ़ जाएंगी।
रोज़गार और आत्मनिर्भरता की ओर एक कदम (A step towards employment and self-reliance)
इस फैसले का एक अन्य सकारात्मक पहलू यह है कि इससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार के नए अवसर उत्पन्न होंगे। पशुपालकों को अब अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए अतिरिक्त सहायता मिलेगी, जिससे वे आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में भागीदार बनेंगे।
पशुपालन को कृषि का दर्जा है एक बड़ा बदलाव (Giving animal husbandry the status of agriculture is a big change)
महाराष्ट्र सरकार का यह कदम केवल एक नीति परिवर्तन नहीं, बल्कि कृषि और पशुपालन के बीच की दूरी को खत्म करने वाला ऐतिहासिक फैसला है। इससे न केवल किसानों को आर्थिक मजबूती मिलेगी, बल्कि पूरे कृषि क्षेत्र को नई दिशा भी मिलेगी। अब समय है कि अन्य राज्य भी महाराष्ट्र से प्रेरणा लें और पशुपालन को कृषि का दर्जा (Animal husbandry gets agricultural Status) देकर अपने राज्यों में पशुपालकों की ज़िन्दगी को आसान और सम्मानजनक बनाएं।
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