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कोयंबटूर (Coimbatore) में 11 जुलाई 2025 को एक ऐतिहासिक बैठक हुई, जिसमें केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Union Agriculture Minister Shivraj Singh Chouhan) और केंद्रीय वस्त्र मंत्री गिरिराज सिंह (Union Textiles Minister Giriraj Singh) ने देशभर से आए कपास उत्पादक किसानों, वैज्ञानिकों और हरियाणा के कृषि मंत्री राणा सिंह के साथ मिलकर कपास की खेती (Revolution In Cotton Farming) को बेहतर बनाने पर चर्चा की। इस बैठक का मकसद था – ‘कपास की पैदावार बढ़ाना, लागत कम करना और नई तकनीकों को खेतों तक पहुंचाना।’
किसानों ने बताई अपनी चुनौतियां
बैठक में किसानों ने अपने अनुभव शेयर करते हुए बताया कि उन्हें अच्छी किस्म के बीज, पानी की कमी, कीटनाशकों की बढ़ती लागत और मौसम की मार जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उन्होंने सरकार से मांग की कि उन्नत बीज, सिंचाई की बेहतर व्यवस्था और कम लागत वाली तकनीक उपलब्ध कराई जाए, ताकि वे अधिक मुनाफ़ा कमा सकें।
सरकार का बड़ा ऐलान: ‘एक राष्ट्र, एक कृषि, एक टीम’
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों की बात सुनकर कहा –’हम सब मिलकर काम करेंगे। कपास का उत्पादन बढ़े, लागत कम हो और नई तकनीक खेतों तक पहुंचे, (Revolution In Cotton Farming) यही हमारा लक्ष्य है।’ उन्होंने ‘एक राष्ट्र, एक कृषि, एक टीम’ का नारा देते हुए कहा कि सरकार, वैज्ञानिक और किसान मिलकर कपास की खेती के लिए एक मज़बूत रोडमैप तैयार करेंगे। कृषि मंत्री ने Seed industry से कहा कि किसानों को केंद्र में रखकर उचित कीमत वाला अच्छा बीज तैयार करें।
- इसके साथ ही उन्होंने खरपतवारों से कैसे निपटा जाए, इस पर भी काम करने की बात कही। कृषि मंत्री ने आगे कहा- खेती में मैकेनाइजेशन अहम है, इसलिए छोटे किसानों को ध्यान में रखते हुए मैकेनाइजेशन करना है।
- दक्षिण भारत में मशीन टेस्टिंग का सेंटर नहीं है। उन्होंने कहा- आज ही फैसला लिया जा रहा है कि दक्षिण भारत में मशीन टेस्टिंग सेंटर बनाया जाएगा, ताकि टेस्टिंग के लिए बहुत दूर ना जाना पड़े।
- केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मीटिंग के दौरान कहा- हम अब कपास उत्पादन में आत्मनिर्भर बनेंगे। आयात बंद कर, निर्यात शुरू करेंगे।
- उन्होंने कहा कि High Density खेती और किसान के लिए उपयोगी किस्मों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
- ICAR केवल वही किस्में जारी करेगा, जो वास्तव में ज़मीन पर काम आएं। कपास पर केंद्रित टीम बनेगी, जो प्रगति की निरंतर समीक्षा करेगी।
आगे की रणनीति क्या होगी?
- उन्नत बीजों पर जोर: ICAR–Sugarcane Breeding Institute जैसे संस्थानों द्वारा उच्च उत्पादकता वाले बीज विकसित किए जाएंगे।
- कीटनाशकों का कम इस्तेमाल: जैविक खेती और IPM (Integrated Pest Management) तकनीक को बढ़ावा दिया जाएगा।
- डिजिटल टेक्नोलॉजी का यूज़: ड्रोन और सेंसर टेक्नोलॉजी से कपास की खेती को और आसान बनाया जाएगा।
- किसानों को ट्रेनिंग: कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से किसानों को आधुनिक तरीकों की ट्रेनिंग दी जाएगी।
कपास क्रांति की ओर बढ़ता भारत
यह बैठक भारत के कपास किसानों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है। सरकार और किसानों के बीच सीधा संवाद होने से समस्याओं का तेजी से समाधान होगा। अगर योजनाएं सही तरीके से लागू हुईं, तो भारत न केवल दुनिया का सबसे बड़ा कपास उत्पादक देश बनेगा, बल्कि किसानों की आय भी दोगुनी होगी।
सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या [email protected] पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।
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