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पंगेसियस (Pangasius Fish Cluster) एक प्रकार की मछली है, जिसकी मांग देश-विदेश में बहुत अधिक है। ये मछली तेज़ी से बढ़ती है और इसके पालन में कम लागत आती है, जिससे किसानों को अच्छा मुनाफ़ा होता है। सिद्धार्थनगर (Siddharthnagar) में बनने वाले पंगेसियस क्लस्टर (Pangasius Fish Cluster) में मछली के प्रोडक्शन, प्रसंस्करण (प्रोसेसिंग), पैकेजिंग और एक्सपोर्ट की सभी सुविधाएं होंगी। इससे स्थानीय लोगों को रोज़गार मिलेगा और किसानों की आय बढ़ेगी।
17 क्लस्टर बन रहे हैं पूरे देश में
भारत सरकार की प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के तहत देशभर में अलग-अलग प्रकार के मछली पालन क्लस्टर विकसित किए जा रहे हैं। इनमें से कुछ प्रमुख हैं:
- जम्मू-कश्मीर (अनंतनाग) : शीतजल मत्स्य पालन
- हरियाणा (सिरसा) : खारे पानी की मछलियां
- मध्य प्रदेश (भोपाल) : जलाशय मत्स्य पालन
- छत्तीसगढ़ (रायपुर) : तिलापिया मछली क्लस्टर
- बिहार (सिवान) : वेटलैंड मत्स्य पालन
- ओडिशा (बालासोर) : स्कैम्पी (झींगा) क्लस्टर
- आंध्र प्रदेश (भीमावरम) : समुद्री मछली पालन
- केरल (कोल्लम) : पर्ल स्पॉट मछली
- लक्षद्वीप : समुद्री शैवाल उत्पादन
- अंडमान-निकोबार : टूना मछली क्लस्टर
इन सभी क्लस्टरों का मकसद है ‘मछली पालन को आधुनिक बनाना, रोज़गार बढ़ाना और निर्यात को बढ़ावा देना’।
कैसे बदलेगी मछुआरों की ज़िंदगी?
1. रोज़गार के नए अवसर
इन क्लस्टरों से सीधे तौर पर हज़ारों लोगों को रोज़गार मिलेगा। मछली पालन, प्रोसेसिंग यूनिट, पैकेजिंग और ट्रांसपोर्ट में युवाओं को नौकरियां मिलेंगी।
2. किसानों की आय दोगुनी
पारंपरिक खेती के साथ अगर मछली पालन किया जाए, तो किसानों की आय में भारी बढ़ोतरी होगी। सरकार ट्रेनिंग और सब्सिडी भी दे रही है।
3. निर्यात से विदेशी मुद्रा की मिलेगी
भारत से मछली और समुद्री उत्पादों की विदेशों में बहुत मांग है। इन क्लस्टरों से प्रोसेस्ड मछलियां निर्यात की जाएंगी, जिससे देश को अधिक विदेशी मुद्रा मिलेगी।
4. महिलाओं को सशक्त बनाना
मछली (Pangasius Fish) प्रोसेसिंग और पैकेजिंग में महिलाओं के लिए बड़े पैमाने पर रोज़गार के अवसर पैदा होंगे, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में उनकी आर्थिक स्थिति मज़बूत होगी।
सरकार की योजनाएं और भविष्य की रणनीति
इस प्रोजेक्ट को सफल बनाने के लिए केंद्र सरकार ने कई मंत्रालयों के साथ मिलकर काम किया है, जैसे:
खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय : मछली प्रोसेसिंग यूनिट्स लगाने के लिए
MSME मंत्रालय : छोटे उद्यमियों को लोन और ट्रेनिंग देने के लिए
ग्रामीण विकास मंत्रालय : स्वरोज़गार के लिए प्रोत्साहन
इसके अलावा, नई तकनीक, डिजिटल मॉनिटरिंग और ऑनलाइन मार्केटिंग पर भी ज़ोर दिया जा रहा है, ताकि मछली उत्पादक सीधे बाज़ार से जुड़ सकें।
मछली पालन की नई उम्मीद
उत्तर प्रदेश का पंगेसियस क्लस्टर और देशभर में बनने वाले अन्य मत्स्य क्लस्टर किसानों, मछुआरों और युवाओं के लिए एक सुनहरा मौका लेकर आए हैं। अगर इस योजना का सही तरीके से क्रियान्वयन होता है, तो भारत मछली उत्पादन और निर्यात में विश्व में अग्रणी बन सकता है।
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