अब किसान पारंपरिक फसलों की खेती करने के साथ ही नए प्रयोग भी कर रहे हैं। खजूर की खेती वैसे तो अरब और अफ्रीकी देशों में की जाती है, क्योंकि इसके पौधों को बड़ा होने और फल को पकने के लिए गर्म तापमान की ज़रूरत होती है। लेकिन इस विदेशी फल की खेती देश के कई राज्यों में हो रही है।
खजूर की खेती के लिए गर्म तापमान की ज़रूरत होती है इसलिए राजस्थान और गुजरात में इसकी खेती अधिक की जाती है। जयपुर के प्रगतिशील किसान अब्दुल रहमान भी खजूर की खेती से न सिर्फ़ लाखों की कमाई कर रहे हैं, बल्कि कठिन परिस्थितियों में सफल खेती करने के लिए उन्हें कई अवॉर्डस से भी सम्मानित किया जा चुका है। अब्दुल रहमान से बात की किसान ऑफ़ इंडिया के संवाददाता अर्पित दुबे ने और जानीं खजूर की खेती से जुड़ी अहम बातें।
100 साल तक फल देता है खजूर का एक पौधा
अब्दुल रहमान ने खजूर के पौधे से जुड़ी ख़ास जानकारी देते हुआ बताया कि खजूर का एक बार पौधा लगाने के बाद आप उससे 100 साल तक फल प्राप्त कर सकते हैं। पौधे को पेड़ बनने में कई साल का समय लगता है। एक बार जब पेड़ बड़ा होकर फल देने लगता है तो साल दर साल ये आपको मुनाफ़ा देता है। अब्दुल रहमान बताते हैं कि 200 से 300 किलो की फसल से उन्हें सालाना 10 से 15 लाख रुपये की कमाई हो जाती है।
कई अवॉर्डस से सम्मानित
अब्दुल रहमान ने खजूर की सफल खेती करके दूसरे किसानों के लिए मिसाल पेश की है। खेती में उनके प्रयोग और उपलब्धियों को सराहते हुए उन्हें पुसा कृषि मेला 2022 में सम्मानित किया गया। इसके अलावा, उन्हें 2013 में गुजरात सरकार और फिर राजस्थान सरकार की ओर से भी अवॉर्ड मिल चुका है।
खजूर की किस्में
खजूर की कई किस्में होती हैं। मादा प्रजाति में 3 किस्म बरही, खुनेजी और हिल्लावी खजूर होती हैं।नर प्रजाति में धनामी मेल और मदसरीम खजूर होते हैं। खजूर की अलग-अलग किस्मों के हिसाब से उसकी खेती होती है और हर किस्म में फल लगने का समय भी अलग होता है। खजूर का फल पकने पर बहुत मीठा और पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसे फल के रूप में खाने के साथ ही इसका जूस, जैम, चटनी, अचार और बेकरी प्रोडक्ट्स में भी इस्तेमाल किया जाता है।
खजूर की खेती से जुड़ी कुछ अहम बातें
खजूर की खेती में आपको थोड़ा धैर्य रखने की ज़रूरत है, क्योंकि इसमें फल लगने में कई साल का समय लगता है। पौधे को बड़ा पेड़ बनने में कम से कम 3 साल का समय लगता है और उसके बाद ही इसमें फल लगने शुरू होते हैं। उन्होंने बताया कि खजूर के पौधे को बहुत अधिक पानी की ज़रूरत नहीं होती। उसकी जड़ों को पानी चाहिए, लेकिन फल पकने के लिए तेज़ धूप की ज़रूरत होती है। इसलिए राजस्थान की जलवायु इसकी खेती के लिए उपयुक्त है। खजूर के पेड़ में साल में एक बार फल लगते हैं।
एक बार फल लगने लग जाए तो फिर आपको फायदा होने लगेगा, क्योंकि खजूर बाज़ार में बहुत महंगे बिकते हैं और इसकी मांग भी बहुत अधिक है। खास बात यह है कि इसकी खेती के लिए रेतीली ज़मीन उपयुक्त है। इसलिए राजस्थान और उसके आसपास के इलाकों में इसकी खेती अधिक होती है।
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