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‘अब पेड़ लगाना सिर्फ पर्यावरण बचाना नहीं, बल्कि पैसा कमाने का नया जरिया बनेगा’ ये ऐलान करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) को देश का पहला ‘कार्बन क्रेडिट हब’ (Carbon Credits Hub) बनाने की ओर बड़ा कदम बढ़ाया है। अयोध्या के त्रिवेणी वन क्षेत्र में ‘वन महोत्सव’ के मौके पर हुए भव्य पौधरोपण कार्यक्रम में सीएम योगी ने कहा कि हम सिर्फ पेड़ नहीं लगा रहे, हम भविष्य का खजाना बना रहे हैं।
पेड़ से कैसे बनेगा पैसा?
दरअसल, यूपी सरकार अब हरित अभियानों को ग्लोबल कार्बन मार्केट (Carbon Credits) से जोड़ेगी। जिस तरह शेयर बाजार में शेयरों की खरीद-फरोख्त होती है, उसी तरह दुनिया भर में कार्बन क्रेडिट (Carbon Credits) का बिज़नेस होता है। कंपनियां या देश, जो ज्यादा कार्बन उत्सर्जन करते हैं, वे पर्यावरण संरक्षण के प्रोजेक्ट्स में निवेश करके कार्बन क्रेडिट खरीदते हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार का प्लान है कि हर गांव, हर जंगल, हर नदी और तालाब से कार्बन क्रेडिट कमाया जाएगा। इसकी बिक्री से होने वाली कमाई का बड़ा हिस्सा ग्राम पंचायतों, किसानों और वन विभाग को मिलेगा। यानी, पेड़ लगाने वालों की जेब भी भरेगी।
अयोध्या बनेगा ‘ग्रीन सिटी’, त्रिवेणी वाटिका होगी कार्बन क्रेडिट का हब
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या को हरित अर्थव्यवस्था का मॉडल बनाने की घोषणा की। त्रिवेणी वाटिका और सरयू नदी के किनारे बने अमृत सरोवरों का निरीक्षण करते हुए उन्होंने कहा कि यहां के पर्यावरणीय प्रयासों को इंटरनेशनल कार्बन मार्केट से जोड़ा जाएगा।
अयोध्या में 5 लाख पौधे लगाए गए, जो भविष्य में कार्बन सोखकर क्रेडिट कमाएंगे। इसके अलावा, अमृत सरोवर, नदियों का पुनर्जीवन और जैविक खेती जैसे प्रोजेक्ट्स से भी राज्य को मोटी कमाई होगी।
किसानों और पंचायतों की बदलेगी किस्मत
सरकार की योजना के मुताबिक:
- हर ग्राम पंचायत में पौधरोपण, जल संरक्षण और जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा।
- इन एक्टिविटी से कार्बन उत्सर्जन कम होगा, जिसका प्रमाणन कराया जाएगा।
- फिर इन्हें ग्लोबल कार्बन मार्केट में बेचा जाएगा।
- कमाई का 70 फीसदी हिस्सा स्थानीय को मिलेगा।
यानी, अगर कोई गांव 1000 टन कार्बन क्रेडिट (Carbon Credits) कमाता है, तो उसे करोड़ों रुपये की आमदनी हो सकती है।
क्या हैं चुनौतियां?
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ये योजना पारदर्शी तरीके से लागू होती है, तो यूपी देश का सबसे बड़ा ग्रीन इकोनॉमी हब बन सकता है। लेकिन, इसमें कुछ चुनौतियां भी हैं:
- प्रमाणन प्रक्रिया सख्त और पारदर्शी होनी चाहिए।
- स्थानीय लोगों को ट्रेनिंग देनी होगी।
- वन विभाग और पंचायतों को टेक्नोलॉजी से जोड़ना होगा।
यूपी की ‘हरित क्रांति’ से बदलेगी तस्वीर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) का ये कदम पर्यावरण और अर्थव्यवस्था का अनोखा मेल है। अगर ये स्कीम सफल होती है, तो:
:- यूपी के किसानों की आय बढ़ेगी।
:- गांवों को नया राजस्व मिलेगा।
:- प्रदेश का हरित कवर बढ़ेगा।
:- यूपी देश का पहला कार्बन न्यूट्रल स्टेट बन सकता है।
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